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कानपुर से बड़ी खबर: मुठभेड़ के शहीद पुलिसकर्मियों को लेकर पत्र, सीएम को दिया ये सुझाव
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने अपनी पार्टी की ओर से कानपुर मुठभेड में शहीद पुलिसकर्मियों के लिए प्रस्ताव दिया है कि पार्टी के सभी विधायक अपना एक दिन का वेतन भत्ते सहित शहीद पुलिस कर्मियों के परिवार को देंगे।
लखनऊ: कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने अपनी पार्टी की ओर से कानपुर मुठभेड में शहीद पुलिसकर्मियों के लिए प्रस्ताव दिया है कि पार्टी के सभी विधायक अपना एक दिन का वेतन भत्ते सहित शहीद पुलिस कर्मियों के परिवार को देंगे। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर कानपुर मुठभेड़ शहीद हुये 08 पुलिसकर्मियों के परिवार को दो- दो करोड़ की आर्थिक सहायता और शहीद का दर्जा देने का सुझाव दिया है।
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आराधना मिश्रा ने कानपुर मुठभेड़ को लेकर कहा ये
आराधना मिश्रा ने शनिवार को कानपुर मुठभेड़ में घायल पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों से कानपुर के रीजेन्सी अस्पताल पहुंच कर मुलाकात वार्तालाप कर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। इसके बाद रविवार को उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर सुझाव देते हुए कहा है कि आज आवश्यकता है कि कानपुर प्रकरण के दुर्दान्त अपराधियों को दण्ड मिले, और पुलिस का मनोबल बना रहे। पत्र में उन्होंने लिखा है कि वह स्वयं कानपुर जाकर इन पुलिसकर्मियों के परिजनों से मिलकर आई है। जिस वहशियाना व दुर्दान्त ढंग से इनकी अनावश्यक हत्या की गयी है उससे वह बहुत व्यथित है। इसलिये कुछ सुझाव भेज रही हूं मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुये इस पर विचार किया जाए।
मुख्यमंत्री को भेजे गए सुझावों में कांग्रेस नेता ने कहा है कि कर्तव्य पालन करते हुये मुठभेड़ में पुलिसकर्मी के शहीद होने पर उसके परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता नीतिगत रूप से हमेशा दी जाए तथा मुठभेड़ में शहीद होने वाले सभी पुलिसकर्मियों को ‘‘शहीद’’ का दर्जा मिले, और उनके सम्मान में उनके गांव में किसी मार्ग या किसी सरकारी विद्यालय या सार्वजनिक स्थल का नामकरण उनके नाम पर किया जाए तथा शहीद को मिलने वाली सभी सुविधायें प्रदान की जाए ।
नेता विधानमंडल दल ने अपने सुझावों में लिखा है
नेता विधानमंडल दल ने अपने सुझावों में लिखा है कि शहीद होने वाले अधिकतर पुलिसकर्मियों के बच्चे छोटे होते हैं, उनके बच्चों की पढ़ाई का खर्च उत्तर प्रदेश सरकार को उठाना चाहिए तथा मृतक आश्रित को सरकारी सेवा में लेने के प्राविधान में समयसीमा को बढ़ाना चाहिए। जिससे शहीद पुलिसकर्मी के बच्चे जब बड़े हो तो उन्हे इसका लाभ मिल सकें।
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अपने पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री को यह भी सुझाव दिया है कि कानपुर प्रकरण में जो शहीद हुये है या घायल हुये हैं उन्हें ‘‘आउट ऑफ टर्न’’ प्रमोशन दिया जाए तथा उसी के मुताबिक वेतन व पेंशन का निर्धारण किया जाए। जिस दिन विधानमंडल का सत्र आहूत हो, संपूर्ण सदन शहीद होने वाले इन पुलिसकर्मियों की स्मृृति में शोक संवेदना व्यक्त कर मौन रखे और अगर सभी सदस्य सहमत हों और प्रस्ताव करें तो अपना एक दिन का वेतन भत्ते सहित शहीद पुलिस कर्मियों के परिवार को दिया जाए। सीएलपी नेता ने कहा है कि शहीद के परिवार में जो व्यक्ति योग्य एवं पात्र हो उसे शस्त्र का लाइसेंस दिया जाए क्योंकि उन्हें खतरा रहता है तथा उनमें असुरक्षा की भावन रहती है, और शस्त्र व हथियार भी सरकारी खर्च पर खरीद कर दिया जाए।
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