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हाय रे गरीबी! निगल गई जान, इलाज न मिलने से संविदाकर्मी की हुई मौत

ऐसे में जब घर का एक मात्र कमाने वाला घर का चिराग बुझ गया तो अब घरवालों के सामने अपना पेट पालने तक की समस्या आ खड़ी हो गई है।

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Published on: 31 Aug 2020 4:51 AM GMT
हाय रे गरीबी! निगल गई जान, इलाज न मिलने से संविदाकर्मी की हुई मौत
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संविदा पर काम कर रहा ये मजदूर दूसरों के घर को तो उजाला देता रहा मगर उसके खुद के घर का चिराग जल गया। और खुद अपने ही विभाग की लापरवाही का शिकार बन गया।

कानपुर देहात: विगत पच्चीस अगस्त को बरौर उपकेंद्र में संविदा कर्मी दीपक शर्मा पुत्र बिहारीलाल निवासी मीना पुर की विद्युत लाइन से दुर्घटना होने के बाद आईएसआईसी बीमा द्वारा इलाज करवाने की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारी नहीं करवा पाए। ये अधिकारी मानवता भी खा गए लेकिन इलाज हर माह बीमा शुल्क काटने के बाद भी नहीं करवाया।

विभाग की लापरवाही से गई संविदाकर्मी की जान

अधिकारियों की लापरवाही तबह सामने आई जब एमडी और चीफ अभियंता के मौखिक आदेश को भी नहीं माना गया। आलम ये है कि अधिशाषी अभियंता पुखरायां ने सात दिनों से अपना सरकारी नंबर बंद कर रखा है। साथ एक भी बार परिजनों से भी संपर्क नहीं किया। इलाज के अभाव में दीपक शर्मा ने आज अंतिम सांस ली।

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Kanpur Dehat Man Death इलाज न मिलने से विद्युत संविदाकर्मी की मौत (फोटो. सोशल मीडिया)

विभाग की ओर से नाम मात्रा की तनख्वाह से जैसे-तैसे दीपक अपना पेट्रोल और मोबाइल का खर्चा चला पाता था। संविदा पर काम कर रहा ये मजदूर दूसरों के घर को तो उजाला देता रहा मगर उसके खुद के घर का चिराग जल गया। और खुद अपने ही विभाग की लापरवाही का शिकार बन गया।

दोषियों पर हो कार्रवाई

Kanpur Dehat Man Death इलाज न मिलने से विद्युत संविदाकर्मी की मौत (फोटो. सोशल मीडिया)

ऐसे में जब घर का एक मात्र कमाने वाला घर का चिराग बुझ गया तो अब घरवालों के सामने अपना पेट पालने तक की समस्या आ खड़ी हो गई है। उच्चाधिकारियों को दुर्घटना होने के दिन से ही संगठन लगातार संपर्क कर मदद की दुहाई देता रहा। लेकिन किसी ने भी उसकी एक न सुनी।

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वहीं अब संगठन प्रदेश महामंत्री देवेंद्र पांडेय ने कहा दोषियों पर अब भी अगर जल्द करवाई नहीं हुई तो कार्य बहिष्कार जैसे कदम उठाए जाएंगे। साथ ही विभाग से पांच लाख की आर्थिक सहायता की मांग की। और एक परिजन को नौकरी दी जाने री भी मांग की गई।

रिपोर्ट- मनोज सिंह

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