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सहकारी गन्ना समिति तितावी मुजफ्फरनगर के सदस्य संचालक बर्खास्त
हरिओम को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर भी दिया गया, जांचदल की आख्या और सम्बन्धित तथ्यों के सम्यक अनुशीलन के पश्चात् हरीओम, को उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1965, तद्विषयक नियमावली, 1968 के प्राविधानों एवं उपविधियों का उल्लंधन किये जाने के आरोप सिद्ध पाए गए।
लखनऊः प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त तथा निबन्धक सहकारी गन्ना विकास समितियां, संजय आर. भूसरेड्डी ने सहकारी गन्ना विकास समिति लि., तितावी-मुजफ्फरनगर के सदस्य संचालक (पूर्व सभापति) हरीओम को तत्काल प्रभाव से पद्च्युत, करते हुए आगामी तीन वर्षों तक गन्ना समिति के चुनाव से प्रतिबन्धित कर दिया है।
इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए निबन्धक संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि हरीओम, के विरूद्ध बेसिक कोटे से अधिक गन्ना आपूर्ति करके गन्ना आयुक्त, उ.प्र. द्वारा पेराई सत्र 2016-17 हेतु जारी गन्ना सट्टा नीति का उल्लंघन करने की शिकायत प्राप्त हुई थी, तथा प्रबन्ध समिति के संचालक सदस्यों द्वारा भी इनके विरूद्ध लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया था।
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संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि इस प्रकरण में चीनी मिल खाईखेड़ी एवं तितावी द्वारा भी यह अवगत कराया गया है कि हरिओम द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करके चीनी मिलों पर अनावश्यक दबाव बनाकर गन्ने की आपूर्ति नियम विरूद्ध की गयी है।
जांच में दोष सिद्ध पाए गए
उन्होंने बताया कि हरिओम को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर भी दिया गया, जांचदल की आख्या और सम्बन्धित तथ्यों के सम्यक अनुशीलन के पश्चात् हरीओम, को उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1965, तद्विषयक नियमावली, 1968 के प्राविधानों एवं उपविधियों का उल्लंधन किये जाने के आरोप सिद्ध पाए गए। इसके बाद निहित प्राविधानों के अन्तर्गत तत्काल प्रभाव से पद्च्युत, करते हुए आगामी तीन वर्षों तक गन्ना समिति चुनाव से प्रतिबन्धित कर दिया गया।
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संजय आर. भूसरेड्डी ने यह स्पष्ट कर किया है कि शासन के निर्देशानुसार शासकीय कार्यों में भ्रष्टाचार पर ’जीरो टॉलरेन्स’ की नीति का अनुसरण किया जाएगा, एवं यदि किसी भी व्यक्ति की संलिप्तता भ्रष्टाचार एवं कदाचरण आदि कार्यो में पायी जाएगी तो उसके विरूद्ध दण्डात्मक रूख अपनाते हुए सख्त कार्यवाही की जायेगी।