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कोरोना का भयावह खतराः बावजूद इसके ये रेल मंडल कर रहा उल्लेखनीय काम

झाँसी मंडल के अंतर्गत देश को उत्तर से दक्षिण एवं पूर्व से पश्चिम को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग आते हैं। ट्रेनों के माध्यम से तेज कनेक्टीविटी केवल मौजूदा बुनियादी ढांचे के उन्नयन और उत्कृष्ट रखरखाव के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।

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Published on: 21 July 2020 7:40 AM GMT
कोरोना का भयावह खतराः बावजूद इसके ये रेल मंडल कर रहा उल्लेखनीय काम
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झाँसी। झाँसी मंडल ने कई महत्वपूर्ण रखरखाव और बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों को सफलतापूर्वक निष्पादित किया जा रहा है। मंडल रेल प्रबंधक झांसी मंडल संदीप माथुर के सक्षम नेतृत्व में मंडल अपने संरक्षा को बनाए रखते हुए अपने रेल मार्गों पर सेक्शनल गति में सुधार करने के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा है। झाँसी मंडल के अंतर्गत देश को उत्तर से दक्षिण एवं पूर्व से पश्चिम को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग आते हैं। ट्रेनों के माध्यम से तेज कनेक्टीविटी केवल मौजूदा बुनियादी ढांचे के उन्नयन और उत्कृष्ट रखरखाव के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। कोविड-19 महामारी के बावजूद भी, मंडल ने सेक्शनल गति में सुधार करने और संरक्षा संबंधी कार्यों को पूरा करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।

झाँसी मंडल के धौलपुर- बीना खंड राष्ट्रीय राजधानी को देश के दक्षिण भाग से जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है। इस खंड पर कमिश्नर रेलवे सेफ्टी से उचित मंजूरी के उपरांत 130 किलोमीटर प्रति घंटे की सेक्शनल गति हेतु अपग्रेड किया जा रहा है। 130 किलोमीटर प्रति घंटे की सेक्शनल गति प्रक्रियाधीन है।

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110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ रही दो सेक्शनों की गाड़ियां

झाँसी से प्रयागराज खंड तथा झांसी – कानपुर खंड पर रेलगाड़ियां 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ रही है। रेल परिचालन में संरक्षा सदैव ही एक प्रमुख प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है और इसे सुनिश्चित करने के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ ही आधुनिक तकनीकी उपकरणों का भी उपयोग किया जा रहा है। ऑसिलेशन मॉनिटरिंग सिस्ट्म (ओएमएस) का उपयोग करके पूरे मंडल में ट्रैक की स्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है। अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन तकनीक का उपयोग उन पटरियों की खामियों की पहचान करने के लिए किया जाता है जो आंखों से दिखाई नहीं देती हैं।

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मालगाड़ियां की गति ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया

जून के दौरान लगभग 678.55 किलोमीटर ट्रैक में दोष का पता लगाने हेतु अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन (USFD) तरीके से परीक्षण किया गया है। माल गाड़ियों की औसत गति में में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है । जून माह में मालगाड़ियां की औसत गति पिछले वर्ष 2019 की तुलना में 111% अधिक रही। इस वर्ष जून माह में मालगाड़ियां की औसत गति 45 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक रही।

रिपोर्टर- बी के कुशवाहा, झांसी

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