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दुनिया में हाहाकार: कोरोना को हल्के में लेना पड़ रहा भारी, अब भरपा रहा कहर

अब तो रोजाना 50 से अधिक मरीज मिल रहे हैं। विशेष बात यह है कि कोरोना के संक्रमित शहर के विभिन्न इलाकों में पाए जा रहे हैं। इससे साफ हो गया है कि अब कोरोना वायरस ने शहर के लगभग सभी क्षेत्रों में अपनी पैठ बना ली है।

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Published on: 12 July 2020 12:35 PM IST
दुनिया में हाहाकार: कोरोना को हल्के में लेना पड़ रहा भारी, अब भरपा रहा कहर
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झाँसी। कोरोना वायरस जिले में अपने रौद्र रूप में आकर कहर ढा रहा है। वायरस का तांडव तेज हो गया है। संक्रमितों की संख्या के मामले में झांसी प्रदेश के कई जनपदों को पीछे छोड़ते हुए बड़ी तीव्र गति से आगे बढ़ता ही जा रहा है। कुछ हफ्तों पहले तक जिस जिले में महामारी नियंत्रण में नजर आ रही थी, वहीं आज हालात बेकाबू हो रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में वार्ड मरीजों से भर गए हैं और प्रशासन को वैकल्पिक रूप से होटल में मरीजों को भर्ती करने पर विचार करना पड़ रहा है। स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन की मदद को लखनऊ से अधिकारियों को भेजने का निर्णय लिया गया है। उधर उच्च मृत्यु दर ने भी प्रशासन की परेशानी बढ़ा दी है।

रोजाना 50 से अधिक मरीज मिल रहे

जिले में प्रतिदिन संक्रमितों का ग्राफ ऊपर ही बढ़ता जा रहा है। अब तो रोजाना 50 से अधिक मरीज मिल रहे हैं। विशेष बात यह है कि कोरोना के संक्रमित शहर के विभिन्न इलाकों में पाए जा रहे हैं। इससे साफ हो गया है कि अब कोरोना वायरस ने शहर के लगभग सभी क्षेत्रों में अपनी पैठ बना ली है। इससे जानलेवा वायरस की चेन तोड़ना मुश्किल हो रहा है। अनलॉक के दौरान बाजारों और दुकानों में लोगों की भारी भीड़ ने कोरोना वायरस को पांव पसारने में भरपूर मदद की है। लोगों की लापरवाही के कारण ही यह वायरस लगातार फैलता ही जा रहा है। प्रशासन और पुलिस द्वारा दी जा रही तमाम हिदायतों के बावजूद अनेक इलाकों में लोग सामाजिक दूरी के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं।

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बिना मास्क के बाजारों और सड़कों पर घूम रहे

बिना मास्क के बाजारों और सड़कों पर घूम रहे हैं। कुछ लोगों के बेखौफ़ अंदाज और व्यवहार ने सभी को मुसीबत में डाल दिया है। यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों से जिले में कोरोना के संक्रमित के मामले अचानक बहुत ज्यादा बढ़ने लगे हैं। प्रतिदिन 50 से अधिक कोरोना पीड़ित अस्पताल पहुंच रहे हैं। मरीजों की संख्या अधिक होने पर मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं भी चरमरा गई हैं। अभी तक जिन व्यवस्थाओं के दम पर प्रशासन संक्रमितों का पूरा इलाज का दावा करता था वहां पर मरीजों को भर्ती करने की जगह भी नहीं बची है। कुछ मरीजों को नज़दीकी ब्लॉकों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा जा रहा है लेकिन वहां पर पर्याप्त व्यवस्थाएं न होने से लोगों में नाराजगी है। प्रशासन ने अब कुछ होटल को अधिग्रहित करके उनके कमरों में कोरोना मरीजों को भर्ती करने का निर्णय लिया है।

लोगों को कोविड-19 की टेस्टिंग के लिए भेजा जा रहा

बताया जाता है कि 4 होटल चिन्हित कर लिए गए हैं और इनमें कोरोना मरीजों की बेड की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन ने कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों का पता लगाने के लिए भी पूरी ताकत झोंक दी है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि किसी को सर्दी-खांसी और बुखार की समस्या तो नहीं है। ऐसे लक्षण पाए जाने पर लोगों को कोविड-19 की टेस्टिंग के लिए भेजा जा रहा है। उधर जिले में कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर अधिक होने से प्रशासन और आम लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। मृत्यु दर का ग्राफ नीचे लाना भी प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बना है।

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हल्के में लेना पड़ रहा भारी

वैश्विक महामारी कोरोना की भयावहता को हल्के में लेना अब प्रशासन और आम जनमानस दोनों को भारी पड़ रहा है। प्रशासन ने महामारी से निपटने के लिए जो इंतजाम किए थे, वे अब नाकाफ़ी साबित हो रहे हैं। आरोप हैं कि प्रशासन ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर पर्याप्त कदम नहीं उठाए। यही वजह है कि मरीज़ों की संख्या बढ़ने पर मेडिकल कॉलेज में बेड कम पड़ गए। लोगों का कहना है कि इतने बड़े महानगर में हजारों मरीजों के बेड की व्यवस्था तो होनी ही चाहिए। वहीं कुछ लोग अभी भी कोरोना को बड़े हल्के में लेने की भूल कर रहे हैं। सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं और बिना मास्क के खुले आम घूम रहे हैं। ऐसे लोगों की लापरवाही ने बड़ी जनसंख्या की जान को जोख़िम में डाल दिया है।

लॉकडाउन बढ़ाने की हो रही मांग

कोरोना की रफ़्तार को रोकने के लिए एक बार फिर से लॉकडाउन लगाए जाने की मांग होने लगी है। प्रदेश की सरकार ने शुक्रवार 10 जुलाई की रात्रि 10 बजे से सोमवार 13 जुलाई के सुबह 5 बजे तक लॉकडाउन घोषित कर दिया है। इस दौरान बाजारों को बंद रखने और लोगों को बिना आवश्यक कार्य के बाहर नहीं निकलने के निर्देश दिए गए हैं। जिले में विभिन्न वर्गों के अनेक लोगों की राय है कि जिले में कम से कम दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन घोषित किया जाए। इससे कोरोना की चेन तोड़ने में मदद मिलेगी और वायरस का प्रसार कम होगा।

रिपोर्टर- बी के कुशवाहा, झांसी

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