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यूपी में बेकाबू हुआ कोरोनाः सरकार के प्रयासों को धूल चटा रहे, नियम तोड़ने वाले
तमाम सरकारी कवायदों के बाद भी यूपी में कोरोना संक्रमण का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यूपी की योगी सरकार इस पर पूरी नजर बनाये हुए है।
लखनऊ: तमाम सरकारी कवायदों के बाद भी यूपी में कोरोना संक्रमण का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यूपी की योगी सरकार इस पर पूरी नजर बनाये हुए है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए अपने अफसरों की एक टीम-11 बनायी है। जिसके साथ वह रोज यूपी में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर जरूरी दिशा निर्देश देते है। अब यूपी सरकार सेल्फ टेस्ट प्रणाली को भी सभी जिलों में लागू करने जा रही है, जिसके बाद कोई भी व्यक्ति जाकर अपना टेस्ट करा सकता है। इसके साथ ही जिलों में स्टैटिक बूथ बनाये जा रहे है जिनमें एन्टीजन टेस्ट की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।
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मास्क ना पहनने पर जुर्माना राशि 100 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दी है
लंबे लॉकडाउन के बाद चालू अनलाक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क ना पहनने पर जुर्माना राशि 100 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दी है लेकिन इसके बावजूद लोग इसका पालन नहीं कर रहे है। इसके साथ ही लोग सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन भी नहीं कर रहे है। इसी का नतीजा है कि बीते कुछ समय से यूपी में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में काफी इजाफा देखने में आ रहा है। मौजूदा समय में यूपी में 21003 कोरोना संक्रमित मरीज है तथा अब तक 35803 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। जबकि अब तक कुल 1298 लोगों की मृत्यु हुई है।
हालांकि यूपी में अब टेस्ट की संख्या में भी काफी वृद्धि की गई है। मौजूदा समय में यूपी में 55 हजार टेस्ट रोज किए जा रहे है। इसके साथ ही 20 हजार रैपिड एन्टीजन टेस्ट भी किए जा रहे है। अब तक यूपी में 16 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके है। यूपी में कोरोना संक्रिमतों को चिन्हित करने के लिए डोर टू डोर सर्विलांस भी किया जा रहा है। यूपी सरकार द्वारा सप्ताह में दो दिन शनिवार और रविवार को पूरे प्रदेश मंे बंदी करके विशेष स्वच्छता व सैनिटाइजेशन अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके साथ ही सभी जिलाधिकारियों को निर्देश है िकवह अपने जिलें की स्थिति के मुताबिक जिले के कुछ क्षेत्रों में या फिर पूरे जिले में बंदी कर सकते है।
संक्रमण की रोकथाम के लिए जिलों में नोडल अधिकारियों की तैनाती की है
यूपी सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिलों में नोडल अधिकारियों की तैनाती की है, जिन्हे रोज अपने जिले की रिपोर्ट मुख्य सचिव को भेजनी होती है, जिसके आधार पर मुख्यसचिव अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देते है। प्रदेश के विभिन्न विभागों, निजी प्रतिष्ठानों तथा उद्योगों में 55 हजार से अधिक कोविड हेल्प डेस्क स्थापित हो चुके है तथा ऐसे सभी निजी प्रतिष्ठानों और उद्योगों में जहां पर 20 से अधिक कामगार काम करते है, वहां कोविड हेल्प डेस्क स्थापित की जा रही है।
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यूपी सरकार ने कोविड-19 से संक्रमित होने वाले लोगों की जांच के लिए विभिन्न स्तर पर लोगों को सुविधा उपलब्ध करायी है। जिसमें होम आइसोलेशन, होटलों में, सेमी पेड डबल आॅक्यूपेंसी की सुविधा दी गई है। सभी एल-1, एल-2, एल-3 स्तर के अस्पतालों में कोविड-19 का इलाज कराया जा सकता है। कोविड-19 रोगियों को कुछ शर्तों के साथ होम आइसोलेशन की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त निजी चिकित्सालयों को भी अपने अस्पताल के वार्ड को या पूरे अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप में प्रयोग करने की अनुमति दी गयी है।
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