कोरोना बना खलनायक: मिलने नही दे रहा दो दिलों को, ऐसे हो रहे लोग एक दूसरे से दूर

ऐसा नहीं है कि इस दौरान एक भी शादी नही हुई हैं। बहुत ही सादगी और बिना भीड़-भाड़ के साथ कई शादियां संपन्न हुई हैं। मेरठ के शाहपीर गेट के रहने वाले वसीम अहमद की शादी का किस्सा तो बेहद दिलचस्प है।

SK Gautam
Published on: 21 April 2020 9:59 AM GMT
कोरोना बना खलनायक: मिलने नही दे रहा दो दिलों को, ऐसे हो रहे लोग एक दूसरे से दूर
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मेरठ: इस साल की होने वाली शादियों के लिए शुभ मुहूर्त अप्रैल के 16 तारीख से शुरू हो गया है। 16 अप्रैल के पहला मुहूर्त था। इसके बाद 17 ,20 अप्रैल को शादी का समय था, लेकिन न तो कहीं शहनाई गूंजी और न ही आतिशबाजी हुई। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ा दिए जाने से जिनके घर में इस दौरान शादी जैसे मांगलिक कार्यक्रमों का आयोजन होना है, उन्होंने शादी की तारीखे आगे खिसका दी है।

ऐसा नहीं है कि इस दौरान एक भी शादी नही हुई हैं। बहुत ही सादगी और बिना भीड़-भाड़ के साथ कई शादियां संपन्न हुई हैं। मेरठ के शाहपीर गेट के रहने वाले वसीम अहमद की शादी का किस्सा तो बेहद दिलचस्प है। दरअसल, वसीम अहमद आबूधाबी में एक शापिंग माल में बतौर मैनेजर कार्यरत हैं। उनका निकाह मुंबई निवासी सय्यद वसी रजा की पुत्री आफरीन से तय हुआ था।

फोन के माध्यम से दूल्हा-दुल्हन हुए एक दूसरे के

शादी 19 अप्रैल को होनी तय थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण वसीम जहां आबूधाबी से मेरठ नहीं जा सकते थे। इसी तरह आफरीन और उसका परिवार मुंबई से मेरठ नही आ सकता था। वसीम के पिता नदीम अहमद बताते हैं कि कोरोना संकट कब खत्म होगा। यह अभी तय नाहीं है।

इस लिए तय तारीख को ही यानी 19 अप्रैल को ही हम दोंनो परिवारों ने शादी करने का फैसला किया। इसके लिए हमने नायब शहर काजी जैनुर राशिदीन से बात की। 19 अप्रैल को बेहद सादगी के साथ फोन के माध्यम से दूल्हा-दुल्हन की रजामंदी ली गई और निकाह पढ़ा गया। इस तरह शहर काजी ने पांच लोंगो की मौजूदगी में निकाह पढ़वाया।

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वसीम और आफरीन जैसी जोड़ी के किस्से इकका-दुक्का ही हैं। आमतौर पर तो हालत यह है कि लॉकडाउन बढ़ने की आशंका में लोग मई और जून में होने वाली शादी की तारीख को भी आगे खिसका रहे हैं। मेरठ के गंगानगर निवासी एक युवती की शादी 20 में तय थी। युवती के परिजनों ने बताया, "शादी और रिसेप्शन दोनों ही 20 अप्रैल को तय था।

लेकिन हम हमने रिसेप्शन और अब तय कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। परेशानी यह है कि सभी को हमने आमंत्रण पत्र भेज दिया है अब यह बहुत मुश्किल हो रहा है सब को बताना कि वो शादी में न आए। इसलिए हमने लोगों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए शादी ही रद्द कर दी। शादी की नई तारीख लॉकडाउन के बाद पंडितजी से पूछ कर तय करेंगे।

मंडपों की जून तक की बुकिंग कैंसिल, काम-धंधों को बड़ा नुकसान

कोरोना वायरस के बढ़ते मरीज़ों की संख्या को देखते हुए सरकार ने पाबंदियां लगा दी है। जिसकी वजह से शादियां टल रही हैं। इससे शादी से जुड़े व्यवसाय भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। जैसा कि मेरठ मंडप एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज गुप्ता का कहना है कि लॉकडाउन के कारण लोगों ने मंडपों की जून तक की बुकिंग कैंसिल कर दी है। मनोज गुप्ता के अनुसार करीब डेढ़ हजार शादियां कोरोना वायरस के चलते टाल दी गई हैं। यहां बता दें कि मेरठ में मेरठ मंडप एसोसिएशन के तहत ढाई सौ से अधिक मंडप रजिस्ट्रर्ड हैं। जाहिर है कि बड़े पैमाने पर शादियां टलने के कारण शादी-विवाह से जुड़े कपड़ा, जूलरी, साज सज्जा, मंडप, कैटरिंग, बैंड बाजा सहित पूरा कारोबार बुरी तरह प्रभावित है।

एक मोटे अनुमान के अनुसार शादियों के स्थगित होने से अकेले मेरठ के बाजार को 400 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा उठाना पड़ेगा। इसमें सबसे अधिक नुकसान मेरठ के सर्राफा बाजार को हुआ बताते हैं। मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महांमंत्री विजय आनन्द अग्रवाल का कहना है कि एक विवाह में औसतन दो से 20 लाख तक के आभूषण खरीदे जाते हैं।

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बैंडबाजे उद्योग को हो रहा बड़ा नुकसान

शादी की तारीखे आगे खिसकने के कारण 10 करोड़ से अधिक रोजाना सोने का कारोबूर करने वाली मेरठ की मंडी को सौ करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान हो चुका है। बैंडबाजे उद्योग को भी शादी-ब्याह कैंसिल होने से खासा नुकसान हुआ है। बैंडबाजा बनाने वाली नादिर अली एंड कंपनी के एमडी फैज आफताब कहते हैं,इस समय खूब साया चलता है। लेकिन कोरोना के चलते इस समय सब ठप है। ऐसे में बैंड-बाजा कारोबार को अब तक करीब 16-17 करोड़ का नुकसान पहुंचा है।

रिपोर्ट- सुशील कुमार- मेरठ

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