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लॉकडाउन पर आखिर क्या सोचती है देश की जनता, यहां जानें

लॉकडाउन के दौरान लोग देश और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाते हुये अपने घर में बंद हैं। कोरोना वायरस के चेन को तोड़ने के लिए हर कोई एकजुट नजर आ रहा है। लोग ये भी ख्याल रख रहे हैं कि बंदी के दौरान किसी को कोई तकलीफ न होने पाये।

Aditya Mishra
Published on: 1 April 2020 1:51 PM IST
लॉकडाउन पर आखिर क्या सोचती है देश की जनता, यहां जानें
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21-day lockdown: government will give all supply

संदीप पाल

लखनऊ: लॉकडाउन के दौरान लोग देश और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाते हुये अपने घर में बंद हैं। कोरोना वायरस के चेन को तोड़ने के लिए हर कोई एकजुट नजर आ रहा है। लोग ये भी ख्याल रख रहे हैं कि बंदी के दौरान किसी को कोई तकलीफ न होने पाये।

जरूरतमंदों को मुफ्त में सब्जी-अनाज बांटा जा रहा है, आवारा पशुओं और कुत्तों को भी लोग खाना दे रहे हैं। लॉक डाउन के माहौल में जनता की राय कुछ इस तरह सामने आई।

अर्जित कृष्ण कहते हैं कि कोरोना महामारी के बीच तमाम सरकारी व गैरसरकारी संगठनों द्वारा गरीब, निर्धन, असहाय लोगों की भूख मिटाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। लेकिन एक बात सामने आ रही है कि कुछ संस्थायें व संगठन एक ही जगह पर जाकर भोजन वितरण का कार्य करने में लगे हुये हैं।

जिसके चलते भारी मात्रा में भोजन बर्बाद हो रहा है। मेरे सबसे अपील है कि भोजन बर्बाद न करें। भोजन बांटना है तो अलग अलग जगह जा कर बांटें।

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पशुओं का भी ख्याल रखना चाहिए: अरिहन्त गणेश

अरिहन्त गणेश का कहना है कि देश भर में कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध स्तर पर लोगों का जीवन बचाने के प्रयास जारी हैं। इसके लिये केन्द्र व राज्य सरकार की जितनी प्रशंसा की जाये, उतनी कम है। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमें पशुओं का भी ख्याल रखना है। सोचिए कि कहीं भूख प्यास के चलते पशु दूसरों को नुकसान न पहुंचाने लगें।

मदद जायज लोगों तक पहुंचे, ये देखना जरूरी: अवनीश

अवनीश चन्द्र कहते हैं कि दूसरों की मदद करना अच्छी बात है लेकिन यह देखना भी जरूरी है कि मदद जायज लोगों तक पहुंचे। भले ही उनकी सहायता एक या दो दिन रुक रुक कर की जाये। एक समय में एक - दो संगठन ही किसी क्षेत्र में जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचायें।

लॉकडाउन का पालन नहीं करने वालों के माथे पर सरकार और पुलिस को मुहर लगाने का काम करना चाहिए। क्योंकि इस देश

में बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें इसी प्रकार से समझ में आयेगा।

जमाखोरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो: पंडित राम समुझ

पंडित राम समुझ ने कहा कि बहुत से बड़े राशन दुकानदार व व्यापारी अपनी दुकान बंद कर अनाज जमा किये हुये हैं। प्रशासन को उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। इस मामले में जनता को भी सरकारी हेल्प लाइन पर अपनीसमस्याओं से जुड़ी जानकारी जरूर साझा करनी चाहिए। सभी लोग सतर्कता के साथ घरों में बने रहें।

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लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करना चाहिए: गुरदत्त

गुरदत्त का कहना है कि इस जंग में हमें एक अच्छे नागरिक व देश भक्त होने का परिचय देना चाहिए। जिस प्रकार एक समय पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के आह्वान पर समस्त देशवासियों सप्ताह में एक दिन का व्रत रखकर देश को अनाज की किल्लत से उबारा था। ठीक इसी प्रकार यदि आज भी ऐसा ही किया जाये तो देश में अनाज की कमी नहीं पड़ने वाली है। हमे लॉकडाउन का

पूरी तरह से पालन करना चाहिए।

सबको एकजुट हो कर स्थिति का सामना करना होगा : कमल बाजपेयी

कमल बाजपेयी का कहना है कि ये संकट का समय है। जो लोग ग्रहों और प्रकृति के संदेश को नहीं समझेंगे वे भुगतेंगे। इसलिए सबको एकजुट हो कर स्थिति का सामना करना चाहिए और प्रकृति से जो खिलवाड़ किया है उसके लिए क्षमा मांगनी चाहिए।

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Aditya Mishra

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