शादी के मुहूर्त में कपड़ा कारोबार पर कोरोना वायरस का झपट्टा

देश में हर रोज कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या इजाफा हो रहा है। वैश्विक महामारी की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन भी चल रहा है। इसका तगड़ा असर जिले के कपड़ा कारोबार पर भी पड़ा है।

Dharmendra kumar
Published on: 23 April 2020 5:18 PM GMT
शादी के मुहूर्त में कपड़ा कारोबार पर कोरोना वायरस का झपट्टा
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कन्नौज: देश में हर रोज कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या इजाफा हो रहा है। वैश्विक महामारी की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन भी चल रहा है। इसका तगड़ा असर जिले के कपड़ा कारोबार पर भी पड़ा है। इन दिनों विवाह का मुहूर्त तो जरूर चल रहा है, लेकिन उन पर कोरोना का लॉक लगा है। लॉकडाउन में बाजार बंद है तो खरीदारी पर भी ताला लगा है। एक महीने में करीब तीन-चार करोड़ रुपए का व्यापार चौपट हो गया है।

कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए देश में 25 मार्च से तीन मई तक लॉकडाउन है। जिसके कारण तकरीबन हर बाजार में सन्नाटा पसरा है। 30 दिनों से बंद के कारण कपड़ा बाजार बिल्कुल ठप है। जानकारों की मानें, तो करीब तीन से चार करोड़ रुपए का व्यापारियों को भारी नुकसान हो चुका है। शादी, तिलक, गोदभराई व वर इच्छा आदि रश्मों के दौरान कपडे़ का व्यापार खूब होता है। इन दिनों इस पर कोरोना का ग्रहण लगा है। व्यापारियों का कहना है कि कपड़ा कारोबार पर पहले से ही मंदी छाई हुई थी मगर, कोरोना वायरस ने बाजार को पूरी तरह ठप कर दिया है।

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शादी-ब्याह के समय में जनपद के कई इलाकों से ग्राहक शहर के बाजार में कपड़े की खरीदारी के लिए आते हैं। बताया गया है कि जिले में कपड़ा व्यवसाय से जुड़ी लगभग चार सौ से अधिक दुकानें हैं। इसके अलावा पांच-छह बड़े शोरूम और शॉपिंग-मॉल हैं। इस कारोबार से करीब दो हजार लोग जुड़े हैं। कारोबारियों की माने तो ऐसे वक्त में स्टॉफ का वेतन देना मुश्किल हो रहा है।

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जानकारों की माने तो अप्रैल व मई में खूब सहालग हैं, लेकिन कपड़ा आदि सामग्री की खरीद पर पूरी तरह से ताला लगा है। उधर, क्लाथ व्यापारियों का कहना है कि तीन मई तक तो कपड़े के बाजार खुलने की संभावना भी नहीं हैं। ऐसे में शोरूम व दुकानों का किराया, बिजली बिल, कर्मचारियों की तनख्वाह व अन्य खर्चों को निकालना टेड़ी खीर होगा।

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तिर्वा कस्बे के कपड़ा कारोबारी सत्यनारायण यादव कहते हैं कि इस सहालग में हुई लंबी बंदी ने तो तगड़ा नुकसान किया है, हालांकि लॉकडाउन संक्रमण रोकने के लिए तो बेहतर है। कोरोना से व्यापारियों का टर्नओवर ठप है। बदीउद्दीन बताते हैं कि कई व्यापारी ब्याज पर तो कई बैंकों से कर्ज लेकर दुकानों में माल भरते हैं, लेकिन एक महीने से सब बंद है। लोगों को ब्याज देना मुश्किल हो गया है। मोहम्मद आरिफ कहते हैं कि काफी उधारी फंसी थी, वह भी नहीं वसूल पाए इधर लॉकडाउन में माल जाम हो गया।

रिपोर्ट: अजय मिश्रा

Dharmendra kumar

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