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PM शहरी आवास योजना में घपला: ऐसे हो रहा बड़ा खेल, जानें पूरा मामला

योजना के तहत आवास आवंटन की प्रक्रिया में नगर पालिका व नगर पंचायतों द्वारा बरती जा रही लापरवाही से सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं।

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Published on: 25 Aug 2020 1:55 PM GMT
PM शहरी आवास योजना में घपला: ऐसे हो रहा बड़ा खेल, जानें पूरा मामला
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PM Awas Shahri Awas Yojna

अम्बेडकरनगर: प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के पात्रों के निर्धारण में एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है। योजना के तहत आवास आवंटन की प्रक्रिया में नगर पालिका व नगर पंचायतों द्वारा बरती जा रही लापरवाही से सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं। आरोप है कि नगरपालिका कर्मियों की मिलीभगत के कारण ही योजना पर सवालिया निशान लग रहा है।

कांशीराम शहरी आवास योजना वाले भी उठा रहे प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना का लाभ

जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को आवास आवंटित हो गये हैं जो पूर्व में कांशीराम शहरी आवास योजना के तहत भी आवास प्राप्त कर चुके हैं। नियमतः जिन लोगों को कांशीराम शहरी आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध हो चुके हैं। उन्हें या उनकी पत्नी को प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत लाभ नही दिया जा सकता।

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PM Awas Shahri Awas Yojna PM Awas Shahri Awas Yojna

लेकिन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे आवास आवंटन की इस प्रक्रिया में सरकार के दिशा निर्देशों को ताक पार रख दिया गया है। तथा एक ही व्यक्ति को दो-दो बार आवास की सुविधा प्राप्त हो जा रही है। उदाहरण के तौर पर जिलाजीत नाम के व्यक्ति को कांशीराम कालोनी कटरिया याकूबपुर में ब्लाक नम्बर 67 में 800 नम्बर कमरा आवंटित है। लेकिन उसकी पत्नी मीरा देवी ने नगर पालिका परिषद अकबरपुर के गोविन्दपुर गनेशपुर वार्ड में तथ्यों को छिपाकर प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत आवास का लाभ प्राप्त कर लिया है।

कई लोग उठा रहे दोनों योजनाओं का लाभ

PM Awas Shahri Awas Yojna PM Awas Shahri Awas Yojna

इसी प्रकार सरोजा पत्नी इन्द्रजीत, गिरिजा पत्नी रामजियावन, साजिदा पत्नी नियाज, उर्मिला पत्नी सीताराम, अमीरूलनिशा पत्नी रईस तथा उर्मिला पत्नी सूकन ने भी तथ्यों को छिपाकर प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत आवास प्राप्त कर लिया है। जबकि इन सभी को कांशीराम शहरी कालोनियों में आवास आवंटित है।

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इस सम्बन्ध में जब पीओ डूडा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सत्यापन कार्य नगर पालिका द्वारा किया जाना था। लेकिन वहां पर सही ढंग से सत्यापन का कार्य नही किया गया। फिलहाल प्रकरण संज्ञान में आया है जिसकी नये सिरे से जांच करायी जा रही है।

रिपोर्ट- मनीष मिश्रा

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