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Bulandhahr News: पति और सास, ससुर को 14 -14 साल की जेल, महिला को पीट-पीटकर मार डाला था
Bulandhahr News: पत्नी की पीट-पीटकर हत्या करने के हत्यारोपी पति और सास ससुर को 14-14 साल के कारावास और 4-4 हजार रुपए अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है। दहेज में कार और 5 लाख रुपए नही मिले तो विवाहिता की पीट पीटकर दी थी हत्या!
Bulandhahr News: यूपी के बुलंदशहर में अपर सत्र न्यायालय/त्वरित न्यायालय दो के न्यायाधीश दानिश हसनैन ने दहेज के लिए पत्नी की पीट-पीटकर हत्या करने के हत्यारोपी पति और सास ससुर को 14-14 साल के कारावास और 4-4 हजार रुपए अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है। दहेज में कार और 5 लाख रुपए नही मिले तो विवाहिता की पीट पीटकर दी थी हत्या!
अपर सत्र न्यायालय/ त्वरित न्यायालय कक्ष संख्या 2 बुलंदशहर के एडीजीसी चंद्रभान सिंह व रश्मि सोलंकी ने बताया कि जनपद बुलंदशहर की खुर्जा कोतवाली देहात में रतन सिंह ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा था कि उसने अपनी पुत्री अनीता का विवाह खुर्जा देहात के गांव रूपबास पचगई निवासी प्रेमशंकर पुत्र सूरजपाल के साथ किया था। विवाह में अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान दहेज देकर बेटी को विदा किया था। आरोप है कि विवाह के कुछ समय उपरांत ससुराल पक्ष द्वारा ₹5 लाख और कार की अतिरिक्त दहेज की मांग की जाने लगी मांग पूरी न करने पर ससुराल पक्ष द्वारा अनिता का मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न किया जाने लगा।
आरोप है कि 27 मार्च 2003 को अतिरिक्त दहेज की मांग पूरी न करने पर पीट-पीटकर अनीता की हत्या कर दी गई मामले में रतन सिंह ने अनीता के पति प्रेम शंकर सास भगवान देवी और ससुर सूरजपाल के खिलाफ धारा 498 ए, 304बी दहेज अधिनियम की धारा 4, 302 और 34 आईपीसी के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एडीजीसी चंद्रभान सिंह ने बताया कि मामले को लेकर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की न्यायालय मैं कुल 9 गवाह प्रस्तुत हुए। सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश सहित न्यायालय कक्ष संख्या दो बुलंदशहर के न्यायाधीश दानिश हसनैन ने प्रस्तुत साक्ष्यों गवाहों के बयानों और दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अनीता की हत्या के आरोप में उसके पति प्रेम शंकर सास भगवान देई और ससुर सूरजपाल को दोषी करार देते हुए 14 - 14 साल के कारावास और 4 - ₹4000 अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है।
पुलिस ने की थी त्वरित कार्रवाई
बुलंदशहर के एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि विवाहिता की दहेज हत्या के मामले को पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए संगीन अपराधों की श्रेणी में शामिल किया और मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए शीघ्रता के साथ आरोप पत्र दाखिल किया और मामले की सुनवाई पूर्ण कराकर सजा मुकर्रर कराने में अहम भूमिका निर्वाह की।