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गुरू-शिष्य के रिश्ते को कलंकित करने वाले गुरूजी को तीन वर्ष की कैद, पढ़ने आई कक्षा पांच की छात्रा के साथ की थी छेड़खानी
Sonbhadra News: दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों, पेश किए गए तथ्यों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोष सिद्ध पाते हुए दोषी शिक्षक उग्रसेन को तीन वर्ष की कैद और 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड न अदा करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की समूची धनराशि 25 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
Sonbhadra news: स्कूल में पढ़ने आई कक्षा पांच की छात्रा के साथ छेड़खानी कर गुरू-शिष्य के रिश्ते को कलंकित करने वाले गुरूजी को तीन वर्ष के कैद की सजा सुनाई गई है। उन पर 25 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। मामला वर्ष 2016 का है और पन्नूगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। प्रकरण में मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट निहारिका चौहान की अदालत ने सुनवाई की। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों, पेश किए गए तथ्यों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोष सिद्ध पाते हुए दोषी शिक्षक उग्रसेन को तीन वर्ष की कैद और 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड न अदा करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की समूची धनराशि 25 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
प्रवेश पत्र बनाने के बहाने विद्यालय में रोककर की थी छेड़खानी
अभियोजन कथानक के मुताबिक पन्नूगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 26 फरवरी 2016 को पन्नूगंज थाने पहुंचकर एक तहरीर दी। अवगत कराया कि उसकी बेटी जो पांचवीं कक्षा की छात्रा है, अपने स्कूल में पढ़ने गई थी। दोपहर एक बजे छुट्टी हो जाती है, लेकिन विद्यालय में तैनात शिक्षक उग्रसेन कुशवाहा निवासी नगांव सिकरिया, थाना पन्नूगंज ने उसे यह कहकर रोक लिया कि फोटो खींचना है। वह फोटो खीचंकर तत्काल प्रवेश पत्र बनाकर दे देंगे। स्कूल के सभी बच्चे अपने घर चले गए। जब उनकी बेटी विद्यालय में अकेली रह गई तो शिक्षक उग्रसेन छेड़खानी करने लगा तथा बेटी को गिरा दिया।
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घर लौटने पर बेटी ने दी जानकारी, तब दी गई तहरीर
जब बेटी घर आई तो घटना की जानकारी दी। घटना 24 फरवरी 2016 की है। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में उग्रसेन के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन करने के लिए दोष सिद्ध पाकर दोषी उग्रसेन को तीन वर्ष की कैद और 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड जमा होने के बाद, पूरी धनराशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने मामले की पैरवी की।