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Hardoi News: छोटे बच्चों के बेहतर इलाज के लिए एक करोड़ 13 लाख से बनेगा पीडियाट्रिक वार्ड, जाने क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएं

Hardoi News: छोटे-छोटे बीमार होने वाले बच्चों के अभिभावकों को उनके इलाज के लिए राजधानी लखनऊ तक का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अब मेडिकल कॉलेज में ही बच्चों के इलाज के लिए एक यूनिट तैयार होगी।

Pulkit Sharma
Published on: 4 April 2023 11:50 PM IST
Hardoi News: छोटे बच्चों के बेहतर इलाज के लिए एक करोड़ 13 लाख से बनेगा पीडियाट्रिक वार्ड, जाने क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएं
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हरदोई में छोटे बच्चों के इलाज के लिए एक करोड़ 13 लाख से बनेगा पीडियाट्रिक वार्ड- (Photo- Newstrack)

Hardoi News: छोटे-छोटे बीमार होने वाले बच्चों के अभिभावकों को उनके इलाज के लिए राजधानी लखनऊ तक का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अब मेडिकल कॉलेज में ही बच्चों के इलाज के लिए एक यूनिट तैयार होगी। यहां पर उन्हें इलाज मिलेगा। इसकी शुरुआत शुरू हो गई है। मेडिकल कॉलेज में पहले चरण में 42 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बनेगा। जिसके निर्माण कार्य के लिए सोमवार को भूमि पूजन किया गया। स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सोसाइटी के प्रिंसिपल डॉ. आर्य देश दीपक ने बताया कि सरकार की मंशा है कि मेडिकल कॉलेज में छोटे-छोटे बच्चों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए मेडिकल कॉलेज में बच्चों के इलाज के लिए एक अलग से यूनिट बननी है।

42 बेड का बनेगा पीडियाट्रिक वार्ड

शुरुआती दौर में यहां पर 42 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बनाया जाएगा। जिसकी लागत एक करोड़ 13 लाख है। यहां पर 4 बड़े वेंटिलेटर व 12 छोटे वेंटिलेटर रहेंगे। इसके अलावा 20 सामान्य बेड रहेंगे। यहां पर बच्चों के बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध रहेगी। जल्द ही इस भवन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इस मौके पर कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम हरदोई व मेडिकल कॉलेज के सभी डॉक्टर व फार्मास्टि विजय तिवारी आदि मौजूद रहे।

जनपद में अभी तक नहीं है सुविधा

जनपद में अभी तक छोटे बच्चो के लिये पीडियाट्रिक वार्ड की व्यवस्था नहीं है। जनपद से बच्चों को लेकर लखनऊ की दौड़ लगानी पड़ती थी। पीडियाट्रिक वार्ड ना होने से बच्चों के परिजनों को आर्थिक व शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पीडियाट्रिक बालरोग विज्ञान चिकित्सा विज्ञान की वह शाखा है जो शिशुओं, बालों एवं किशोरों के रोगों एवं उनकी चिकित्सा से सम्बन्धित है। आयु की दृष्टि से इस श्रेणी में नवजात शिशु से लेकर 12 से 21 वर्ष के किशोर तक आ जाते हैं। इस श्रेणी के उम्र की ऊपरी सीमा एक देश से दूसरे देश में अलग-अलग मानी जाती है।



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Pulkit Sharma

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