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Hardoi News: जनपद में खुला साइबर क्राइम कार्यालय, अपराधियों की अब खैर नहीं

Hardoi News: साइबर अपराध रोकने के लिए शहर में साइबर सिक्योरिटी सेल बन गई है। इसका 99 फीसदी काम पूरा हो चुका है।

Pulkit Sharma
Published on: 4 April 2023 4:12 PM IST
Hardoi News: जनपद में खुला साइबर क्राइम कार्यालय, अपराधियों की अब खैर नहीं
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Hardoi Cyber crime office (photo: social media )

Hardoi News: अब साइबर क्राइम करने वाले अपराधियो की खैर नही होगी। अब पुलिस इन अपराधियो को पकड़कर ही दम लिया करेगी। हाईटेक होते अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस भी तैयार है।साइबर अपराध रोकने के लिए शहर में साइबर सिक्योरिटी सेल बन गई है। इसका 99 फीसदी काम पूरा हो चुका है। लगभग एक सप्ताह में यह कार्य भी शुरू हो जाएगा।सेल के बन जाने से साइबर क्राइम के मामलों को सुलझाने में आसानी होगी।जिले में साइबर क्राइम से संबंधित केसों को सुलझाने व कार्रवाई के लिए सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क बनाई गई है।

साइबर अपराध के शिकार हुए लोग यहाँ पर आकर अपनी शिकायत देते हैं, लेकिन जिले में बढ़ते साइबर अपराधों की घटनाओं के कारण सभी डेस्क की निगरानी करने में मुश्किल आ रही थी। इस वजह से नगर में साइबर सिक्योरिटी सेल की स्थापना की जा रही है। इससे सभी हेल्प डेस्क की एक केंद्रीयकृत कार्यालय से निगरानी भी हो सकेगी। साइबर सिक्योरिटी सेल की मदद से अब साइबर क्राइम के मामलों को सुलझाने में आसानी होगी। इसके साथ ही आरोपियों तक जल्द पहुंचा जा सकेगा। एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया सेल का करीब 99 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। एक दो दिन में यहां पर कर्मचारियो की तैनाती कर दी जाएगी। यहां की पूरी टीम तकनीक से दक्ष और कार्यालय हाईटेक होगा। सेल में पांच कांस्टेबल और ऑफिसर सेल का कार्यभार संभालेंगे।

हाईटेक उपकरणों से लैस होगा कार्यालय

साइबर सिक्योरिटी सेल प्रभारी एवं सीओ लाइन विकास जायसवाल ने बताया कि जिले में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है। इसकी रोकथाम करने और साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस लाइन में साइबर सिक्योरिटी सेल की स्थापना की जा रही है। अब साइबर क्राइम करने वाले पुलिस से बच नही पाया करेंगे।

क्या होता है साइबर अपराध

साइबर क्राइम एक आपराधिक गतिविधि है जो कंप्यूटर और इंटरनेट के उपयोग से की जाती है। कुछ सामान्य साइबर क्राइम हैकिंग, साइबर स्टॉकिंग, डिनायल ऑफ सर्विस अटैक (डीओएस), वायरस डिसेमिनेशन, सॉफ्टवेयर पायरेसी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी और फिशिंग होती है।

Pulkit Sharma

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