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सीएम योगी के सख्त निर्देश, 48 घंटे ऑक्सीजन की हो बैकअप व्यवस्था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने में टेस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने में टेस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए हर हाल में प्रदेश में कोविड-19 के एक लाख 50 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं। उन्होंने जनपद कानपुर नगर, वाराणसी, प्रयागराज तथा गोरखपुर में मेडिकल टेस्टिंग बढ़ाने को कहा है।
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मुख्यमंत्री योगी ने आज यहां कहा कि सभी जनपदों में वेंटीलेटर्स एवं एचएफएनसी (हाई फ्लो नेजल कैन्युला) को क्रियाशील रखा जाए। इस सम्बन्ध में आज शाम तक शासन को रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कोविड अस्पतालों में डायलिसिस मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि हेपेटाइटिस-बी के मरीजों के लिए प्रत्येक जिले में डेडिकेटेड डायलिसिस मशीन की व्यवस्था की जाए।
ऑक्सीजन के कम से कम 48 घण्टे के बैकअप की व्यवस्था
उन्होंने कोविड तथा नाॅन कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन के कम से कम 48 घण्टे के बैकअप की व्यवस्था रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग चिकित्सालयों में कम से कम 48 घण्टे की ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से जनपदीय स्तर के साथ-साथ मुख्यमंत्री हेल्प लाइन के माध्यम से भी उनके स्वास्थ्य की निरन्तर जानकारी प्राप्त करने के को कहा है।
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मुख्यमंत्री ने स्वच्छता एव सेनिटाइजेशन के कार्य को प्रभावी ढंग से संचालित करने को कहा हैं। उन्होंने कहा कि सितम्बर माह में वेक्टरजनित रोगों के प्रकोप की अधिक सम्भावना रहती है। इसके दृष्टिगत स्वच्छता एवं सेनिटाइजेशन की कार्यवाही में पूरी तत्परता बरती जाए। उन्होंने राजकीय कर्मियों की कार्यालयों में समय से उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में प्रभावी पर्यवेक्षण के साथ-साथ निरीक्षण किए जाएं। समय से उपस्थित न होने पर सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नहरों को रोस्टर के अनुरूप पूरी क्षमता से संचालित किया जाए, ताकि किसानों को सिंचाई कार्य हेतु आवश्यकतानुसार पानी उपलब्ध हो सके। किसानों को खाद की उपलब्धता निरन्तर सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्य में कोई शिथिलता न बरती जाए। बाढ़ प्रभावित इलाकों में फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराते हुए किसानों को शीघ्र मुआवजा वितरित किया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में मकान के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में अनुमन्य राहत राशि का वितरण भी समयबद्ध ढंग से किया जाए।
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