भाकपा ने सपा-बसपा गठबंधन को लंगड़ा गठबंधन बताया

भाकपा उत्तर प्रदेश में वामपंथी धर्मनिरपेक्ष और लोकतान्त्रिक शक्तियों की एकजुटता के लिये प्रयासरत है। बैठक सदस्यता नवीनीकरण जल्द पूरा करने, लोकसभा चुनावों कि तैयारी और चुनाव फंड जनता से एकत्रित करने पर भी अहम फैसले किये गये।

Shivakant Shukla
Published on: 4 March 2019 1:39 PM GMT
भाकपा ने सपा-बसपा गठबंधन को लंगड़ा गठबंधन बताया
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लखनऊ: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि मोदी सरकार, भाजपा और गोदी मीडिया ने जिस तरह से वोट वटोरने को राजनीति फैलाई और मरने वाले आतंकवादियों की संख्या के बारे में बड़े चड़े दाबे किये जनता अब इसकी सच्चाई जानना चाहती है। सरकार का दायित्व है कि वह जनता का भ्रम दूर करे इसलिए वह श्वेतपत्र जारी करे।

पार्टी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में यदि भाजपा के विरूध्द सभी धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को एकजुट किया गया होता तो नतीजे निश्चय ही शानदार रहे होते। सपा बसपा गठबंधन का नाम लिए बिना कहा कि कुछ दलों ने निजी हितों को देश के हितों से ऊपर समझा और एक लंगड़ा गठबंधन बना लिया।

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भाकपा राज्य काउंसिल की यहां संपन्न दो दिवसीय बैठक में पुलवामा और उसके बाद लगातार हो रहे आतंकी हमलों और उनमें होरही हमारे जवानों की मौतों पर गहरा दुख व्यक्त किया और हमलों की कड़े शब्दों में निन्दा की गई। भाकपा राज्य काउंसिल ने कहा कि उसे अपने सुरक्षाबलों की बहादुरी पर गर्व है। जिस तरह से हमारी वायु सेना ने मध्य रात्रि को सीमा के पार जाकर लक्ष्यों पर हमले बोले,बेशक वह प्रशंसनीय कार्य हैं।

भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने बताया कि बैठक में इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया कि दरोगा भर्ती परीक्षा में अनुसूचित वर्ग / आरक्षित वर्ग के योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले और 800 स्थान खाली छोड़ दिये गए। भाजपा शासन में चयनसमितियों में सामंती सोच के लोगों की भरमार रही है जिसने जानबूझ कर इस वर्ग को रोजगार से बाहर रखा है। भाकपा का दाबा है आज इस वर्ग में योग्य नौजवानों की कमी नहीं। राज्य सरकार को चयन प्रक्रिया से गुजर चुके अभ्यर्थियों में से सीरियल वाइज़ 800 लोगों को तत्काल भर्ती करनी चाहिए। अन्यथा इस भर्ती की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच करानी चाहिए।

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भाकपा राज्य काउंसिल ने गत माह संपन्न राज्य कार्यकारिणी बैठक के इस मंतव्य की पुष्टि की जिसमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में यदि भाजपा के विरूध्द सभी धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को एकजुट किया गया होता तो नतीजे निश्चय ही शानदार रहे होते। लेकिन कुछ दलों ने निजी हितों को देश के हितों से ऊपर समझा और एक लंगड़ा गठबंधन बना लिया।

भाकपा उत्तर प्रदेश में वामपंथी धर्मनिरपेक्ष और लोकतान्त्रिक शक्तियों की एकजुटता के लिये प्रयासरत है। बैठक सदस्यता नवीनीकरण जल्द पूरा करने, लोकसभा चुनावों कि तैयारी और चुनाव फंड जनता से एकत्रित करने पर भी अहम फैसले किये गये।

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