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चयन समिति की खुली पोल: सिफारिस के बिना नहीं होता क्रिकेट खिलाडियों का चयन

मुज़फ्फरनगर में रेलवे विभाग की यह कर्मचारी स्पोर्ट कोटे से रेलवे में बाबू के पद पर नियुक्त है जो की आज मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है | क्योंकि वन डे 20 क्रिकेट टीम में सूचि कौशिक का चयन न करके चयन समिति द्धारा एक ऐसी महिला क्रिकेट खिलाडी अंशु तिवारी का चयन कर दिया जो की टॉप 20 खिलाडीयो की सूचि में नाम भी नहीं था |

SK Gautam
Published on: 15 Feb 2020 8:20 PM IST
चयन समिति की खुली पोल: सिफारिस के बिना नहीं होता क्रिकेट खिलाडियों का चयन
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मुज़फ्फरनगर: सरकार भले ही महिला सशक्तिकरण और महिला खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने का डंका पीटती हो लेकिन ध्यान रहे यदि आपके पास किसी रसूखदार की सिफारिश नहीं है तो आपका क्रिकेट टीम में चयन नहीं होगा | ये बात कोई और नहीं बल्कि UPCA की एक जिम्मेदार पद पर आसीन क्रिकेट चयन समिति की मुख्य चयनकर्ता बोल रहा है, जिसका ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें यह स्पष्ट सुनने को मिल रहा है | इतना ही नहीं जनपद मुज़फ्फरनगर की क्रिकेट एसोसिएसन के सचिव के वायरल ऑडियो में भी सुनने को मिल रही है | जिसमें मुज़फ्फर नगर की रेलवे की बेहतरीन क्रिकेट खिलाडी की जगह अन्य रसूखदार खिलाडी का वन डे T 20 में चयन हुआ है | रेलवे की महिला क्रिकेट खिलाडी ने जिलाधिकारी को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर की न्याय की मांग करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं |

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रेलवे विभाग की यह कर्मचारी स्पोर्ट कोटे से रेलवे में बाबू के पद पर नियुक्त है

दरअसल मामला यह है कि मुज़फ्फरनगर की महिला क्रिकेट खिलाडी ऑफ स्पिनर सूचि कौशिक जो की पिछले 13 वर्षो से उत्तर प्रदेश में अपने बेहतरीन प्रतिभा का प्रदर्शन कर अपने देश का नाम ऊँचा करने पर लगी है | मुज़फ्फरनगर में रेलवे विभाग की यह कर्मचारी स्पोर्ट कोटे से रेलवे में बाबू के पद पर नियुक्त है जो की आज मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है | क्योंकि वन डे 20 क्रिकेट टीम में सूचि कौशिक का चयन न करके चयन समिति द्धारा एक ऐसी महिला क्रिकेट खिलाडी अंशु तिवारी का चयन कर दिया जो की टॉप 20 खिलाडीयो की सूचि में नाम भी नहीं था |

इस मामले में जब सूचि कौशिक द्धारा अपने उच्चाधिकारियों और चयन समिति की मुख्य अधिकारी रीता डे से जानकारी चाही तो रीता डे द्धारा कोई भी संतुष्टि जनक जवाब न देकर रसूकदार की सिफारिश पर खिलाड़ियों का चयन किये जाने की बात कहकर सूचि कौशिक को मानसिक उत्पीड़न पहुंचाया इतना ही नहीं मुज़फ्फरनगर क्रिकेट असोसिएसन के सचिव एवं BCCI अम्पायर पैनल के जिम्मेदार सदस्य मनोज पुंडीर द्धारा भी फोन पर चयन समिति के निर्णय को सही बताकर रसूक और सिफारशी खिलाड़ियों का ही चयन होता है जैसी गैरज़िम्मेदारन बात कहकर खिलाड़ियों के मनोबल को तोड़ने का प्रयास किया है | जिसपर सूचि कौशिक ने दोनों पदाधिकारियों का ऑडियो वायरल कर सभी को सकते में दाल दिया है |

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बहुत से क्रिकेट खिलाडी है जो बेहतरीन प्रदर्शन करते है

सूचि कौशिक का यह भी आरोप है की चयन समिति की चनकर्ता रीता डे ने तो सूचि कौशिक के कॅरिअर को खराब करने की बात कही है | सूचि कौशिक द्धारा जनपद की जिलाधिकारी को एक शिकायती प्रार्थना पत्र देकर मामले की जाँच किये जाने की मांग की है वंही अपने स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रही सूचि कौशिक ने यह भी आरोप लगाए की मुज़फ्फरनगर में ऐसे बहुत से क्रिकेट खिलाडी है जो बेहतरीन प्रदर्शन करते है लेकिन रसूकदार लोगो की सिफारिश न होने पर वह आगे बढ़ नहीं पाते |

सूचि कौशिक ने अपने जीवन में क्रिकेट कैरियर की शुरुआत 2007 में UP 19 , और सं 2011 से 2013 तक नेशनल UP की कैप्टन रह चुकी है | 2013 में अपनी कप्तानी के चलते टीम विनर रह चुकी है | 2014 में स्पोर्ट कोटे से नॉर्दन रेलवे में ऑफ स्पिनर पद पर आसीन है | 2015 से 2017 तक सेन्ट्रल जॉन रेलवे की और से अंडर 23 में बेहतरीन क्रिकेट का प्रदर्शन किया | 2019 - 20 में उत्तर प्रदेश से शुरुआत वनडे T20 में रणजी ट्राफी कैम्प किया | जिसमे 23 खिलाड़ियों का चयन हुआ जिसमे सूचि कौशिक का नाम भी प्रमुखता से था | लेकिन आज रणजी ट्राफी टीम का चयन हुआ तो सूचि कौशिक की जगह अंशु तिवारी का सिफारिश के चलते चयन कर लिया गया जबकि 23 खिलाडीयो की सूचि में अंशु तिवारी का नाम अंकित नहीं था |

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नोट : इस सम्बन्ध में जब मनोज पुंडीर से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया और न ही मुज़फ्फरनगर क्रिकेट एसोसिएसन के अध्यक्ष इस मामले में कुछ कहने को तैयार है (सभी बाहर होना बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे है )



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