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बढ़ते अपराध की वजह से जिले में दहशत, पुलिस पर कोई असर नहीं
ताजा मामले में बीते 5 जून को वाराणसी मंडल के एडीजी जनपद में आकर पुलिस विभाग के सीओ इंस्पेक्टर सहित सभी पुलिस जनों को बढ़ते अपराध को रोकने की नसीहत दिए।
जौनपुर: जनपद में अपराध का ग्राफ दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। अधिकारी पुलिस व्यवस्था को चुस्त करने की नसीहत दे रहे हैं। लेकिन उसका कोई असर पुलिस की पुलिसिंग पर नहीं नजर आ रहा है। अपराधी बेखौफ़ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। गोलियां चल रही हैं लूट के साथ महिलाओं की अस्मत तार-तार हो रही है। समाज दहशत के साये में आ गया है लेकिन इसका कोई असर पुलिस की सेहत पर नहीं है।
बढ़ रहे अपराध, पुलिस बेखबर
ताजा मामले में बीते 5 जून को वाराणसी मंडल के एडीजी जनपद में आकर पुलिस विभाग के सीओ इंस्पेक्टर सहित सभी पुलिस जनों को बढ़ते अपराध को रोकने की नसीहत दिए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि छोटे से छोटे मामलों को गम्भीरता से लेने का निर्देश दिया है। एडीजी वाराणसी वापस पहुंचे भी नहीं होगे कि अपराधियों ने थाना नेवढ़िया क्षेत्र के नेवादा गांव के पास स्वर्ण व्यवसायी शिवजीत मौर्य को गोलियों से भून कर उनकी हत्या कर दी।
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और जेवरात आदि लूट कर भाग निकले। पुलिस बाद में अंधेरे में तीर चलाती नजर आयी। पुलिस को अभी तक अपराधियों के बाबत कोई सफलता नहीं मिली। इसके पहले खुटहन थाना क्षेत्र के बड़सरा गांव में पुलिस की लापरवाहीयो के कारण जमीनी विवाद के चलते अबैध असलहे से राजेश तिवारी की हत्या कर दिया गया। इस मामले में मृतक के पिता का आरोप पुलिस की लापरवाहीयो पर है उसका कहना है कि यदि पुलिस हमारे शिकायतों पर सक्रिय हुईं होती तो हमारे बेटे की हत्या नहीं हो सकती थी।
महिलाओं पर भी बढ़ रहे निरंतर अपराध
इससे पहले थाना केराकत क्षेत्र स्थित ग्राम पसेवां में विगत 29 मई की रात में ग्राम के एक निषाद परिवार की 17 वर्षीय किशोरी का मुंह काला करने के बाद उसकी हत्या कर दी गयी। पुलिस ने मृतका के पिता की तहरीर लेकर रख ली और मुकदमा तक लिखना उचित नहीं समझा। 2 जून को जब जिले के उच्चाधिकारी ने मौके की जांच कर कड़ाई से मुकदमा दर्ज करने को कहा तब जाकर मुकदमा लिखा गया। यहां पर सवाल खड़ा होता है कि जब पुलिस का रवैया इस तरह का है तो अपराधियों के हौसले बुलंद क्यों नहीं होंगे।
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इतना ही नहीं महिला अपराध बढ़ने के साथ ही सरेआम महिलाओं को मार पीट कर अर्ध नग्न करने की घटनाये हुईं। जिन पर पुलिस ने लापरवाही बरती है। थाना मछली शहर एवं मीरगंज की घटनाये उदाहरण है। विभाग के अधिकारी हैं कि मातहतों को नसीहत दे कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जा रहे है। जो भी बढ़ते अपराध के ग्राफ से आम जन मानस दहशत जदा है लेकिन पुलिस की सेहत पर इसका कोई असर नहीं है। जनपद में हर जुबान पर एक ही चर्चा है कि जिले में कानून और पुलिस का खौफ अपराध करने वालों में नहीं है।
रिपोर्ट- कपिल देव मौर्य