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ताबड़तोड़ फायरिंग से कांप उठा लखनऊ, गोलियों से भूना प्रापर्टी डीलर को
यूपी की योगी सरकार का दावां है कि उसके शासन में राज्य में अपराधों में बहुत कमी आयी है। लेकिन इधर, यूपी में लगातार हत्याओं का सिलसिला जारी है।
लखनऊ: यूपी की योगी सरकार का दावां है कि उसके शासन में राज्य में अपराधों में बहुत कमी आयी है। लेकिन इधर, यूपी में लगातार हत्याओं का सिलसिला जारी है। आगरा और हरदोई में ट्रिपिल मर्डर केस के बाद अब राजधानी लखनऊ में बुधवार सुबह एक प्रापर्टी डीलर पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। गोली लगने से गंभीर रूप से घायल प्रापर्टी डीलर को ट्रामा सेंटर भेजा गया, जहां इलाज के दौरना उसकी मौत हो गई।
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राजधानी पीजीआई थाना क्षेत्र प्रापर्टी डीलर दुर्गेश यादव को गोली मार दी गई
क्राइम सीन (social media)
प्राप्त जानकारी के मुताबिक राजधानी पीजीआई थाना क्षेत्र प्रापर्टी डीलर दुर्गेश यादव को गोली मार दी गई। मृतक दुर्गेश उरुवा थाना क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर है। उसे गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर भेजा गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि दुर्गेश एक हिस्ट्रीशीटर है और उसने किसी को नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे लिए थे। मनीष और पलक नामक व्यक्ति उससे पैसे लेने उसके घर स्कॉर्पियो से आए थे। जिसके बाद घर में ही मारपीट हुई और घर से निकलते वक्त बदमाशों ने दुर्गेश को गोली मारी दी और स्कॉर्पियो से फरार हो गए।
पुलिस का कहना है
इधर, पुलिस का कहना है कि स्कॉर्पियो सवार बदमाश दुर्गेश के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं। किसी जमीन को लेकर लेन-देन का विवाद दोनों में था। इसी को लेकर जब सुबह स्कॉर्पियो सवार बदमाश दुर्गेश के घर पहुंचे तो पहले ऊपर घर में गए। फिर जब नीचे उतरे तो किसी बात पर कहासुनी हो गई। जिसके बाद बदमाशों ने दुर्गेश को गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई।
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पुलिस उपायुक्त पूर्वी चारु निगम ने बताया कि पीजीआई थाना क्षेत्र में सेक्टर 12 में दुर्गेश एक सचिवालय कर्मी अखिल यादव के घर में बिना रेंट एग्रीमेंट के किराए पर रह रहा था। उसके साथ 03 लोग और किराए पर साथ में ही रहते थे। रूम की सर्चिंग में कई सीलबंद लिफाफे और पूरे यूपी के अलग अलग जिलों के कई लड़कों की मार्कशीट और फोटो आदि बरामद हुई है। प्रथम दृष्टया यही समझ में आ रहा है कि दुर्गेश लोगों को जाली दस्तावेजों के सहारे नौकरी दिलाने का काम भी करता था। बताया जा रहा है कि दुर्गेश कल रात में ही लखनऊ पहुंचा है। उनके भाई मानवेन्द्र जोकि खुद को पत्रकार बताते हैं। उनका एक प्रेस कार्ड भी मिला है। जिसकी जांच की जा रही है।
मनीष श्रीवास्तव
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