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केवल आशंका पर किसी कर्मचारी को दंडित करना गलतः हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल आशंका पर किसी कर्मचारी को दंडित नहीं किया जा सकता। हालांकि लगा आरोप, आपराधिक आरोप की तरह सन्देह से परे साबित करना जरूरी नहीं है फिर भी कदाचार साबित करने के लिए साक्ष्य होना जरूरी है।

Rishi
Published on: 28 March 2019 2:19 PM GMT
केवल आशंका पर किसी कर्मचारी को दंडित करना गलतः हाईकोर्ट
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प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल आशंका पर किसी कर्मचारी को दंडित नहीं किया जा सकता। हालांकि लगा आरोप, आपराधिक आरोप की तरह सन्देह से परे साबित करना जरूरी नहीं है फिर भी कदाचार साबित करने के लिए साक्ष्य होना जरूरी है।

कोर्ट ने विभागीय जांच में आरोप साबित किये बगैर दण्डित करने को अवैध करार दिया है और आयुध कारखाना कानपुर नगर के लिपिक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के आदेश को रद्द कर दिया है।

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कोर्ट ने याची को सेवाजनित सभी परिलाभों का हकदार माना है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति डा.के.जे.ठाकर की खंडपीठ ने मुश्ताक अहमद खान की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

याची अधिवक्ता का कहना था कि याची को कस्टम विभाग मुजफ्फरनगर कदाचार के आरोप में अर्थ दण्ड की सजा सुनाई। अपील लंबित है। इसी सजा के आधार पर विभागीय जांच हुई। आरोप साबित नहीं हुआ किन्तु दोषी मानते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का आदेश दिया गया। कैट प्रयागराज में चुनौती दी गयी। वाद खारिज होने के बाद यह याचिका दाखिल की गयी थी।

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याची का कहना था कि कस्टम विभाग की सजा आपराधिक सजा नहीं है। इसलिए आरोप साबित किये बगैर दोषी नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने याची को दंडित करने के आदेश को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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