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पर्यटन: इंडिया में एक नहीं दो कश्मीर है, दूसरा है यहां, नहीं सुना होगा इसके बारे मे
पूर्व के राज्यों मे प्रकृति खूबसूरती का भंडार है। यहां प्रकृति ने अपार छंटा बिखेरी है। शानदार पहाड़ियों, झीलों, झरनों और जंगलों का संगम है यहां। अगर देखना हो तो इस बार झारखंड नहीं ओडिशा चलिए। ओडिशा में एक खूबसूरत हिल स्टेशन है जो 3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित ओडिशा की एकलौती जगह है, जहां सर्दियों में बर्फबारी भी देखने को मिलती है।
ओडिशा: पूर्व के राज्यों मे प्रकृति खूबसूरती का भंडार है। यहां प्रकृति ने अपार छंटा बिखेरी है। शानदार पहाड़ियों, झीलों, झरनों और जंगलों का संगम है यहां। अगर देखना हो तो इस बार झारखंड नहीं ओडिशा चलिए। ओडिशा में एक खूबसूरत हिल स्टेशहै जो 3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित ओडिशा की एकलौती जगह है, जहां सर्दियों में बर्फबारी भी देखने को मिलती है।
ये जगह हैं दरिंगबाड़ी की।दरिंगबाड़ी ओडिशा के कंधमाल जिले में देवदार के घने जंगलों और बादलों से घिरी जगह है। जानते हैं यहां के बारे में। इसके बार में कहा जाता है कि ये दूसरा कश्मीर है।इस पर्वतीय स्थल की खूबसूरती को देखते हुए, इसे 'ओडिशा का कश्मीर' कहा जाता है। यहां की कुदरती खूबसूरती आपको कश्मीर की याद दिलाने का काम करेंगी। दरिंगबाड़ी ग्रीष्मकालीन अवकाश के लिए एक आदर्श स्थल है। यहां की एक शानदार ट्रिप का प्लान अपने परिवार या दोस्तों के साथ बना सकते हैं।
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ऐसे पड़ा नाम-कहते है कि ये जगह सबसे पहले डेरिंग नाम के एक ब्रिटिश अधिकारी ने देखी थी। उसी अधिकारी के नाम से इस जगह का नाम डेरिंगबाड़ी पड़ा, जो आज दरिगंबाड़ी के नाम से जाना जाता है।
चीड़ के पेड़ों की हरियाली इस जगह को और भी खूबसूरत बनाती है। खास बात तो ये है कि इस जगह के बारे में कम ही लोग जानते हैं इसलिए यहां ज्यादा भीड़ भी नहीं होती। यहां हिल व्यूपॉइंट से आस पास के मनोरम दृश्य देख सकते हैं। दरिंगबाड़ी के पूरे रास्ते कॉफी और मसालों के बागान नजर आएंगे। यही वजह है कि इसे ओडिशा का कश्मीर कहा जाता है।
दरिंगबाड़ी में और उसके आसपास बहुत सारे आकर्षण हैं। जब भी यहां घूमने जाएं तो मदुबंडा और बादंगिया झरना जाना न भूलें। झरने से झरता पानी चट्टानों से टकराता हुआ एक बेहद खूबसूरत नजारा है। दरिंगबाड़ी के अन्य पर्यटन स्थलों में आप यहां पुतुडी जलप्रपात की सैर का प्लान बना सकते हैं। दरिंगबाड़ी घूमने आए अधिकांश पर्यटक इस झरने की देखना पसंद करते हैं। यह जलप्रपात यहां की स्थानीय नदी से जल प्राप्त करता है। बिरंची नारायण मंदिर यहां के प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है, जहां रोजाना श्रद्धालुओं का आगमन लगा रहता है।ये जगह कई प्रकार के पेड़ों और फूलों के पौधों से भरी हुई है। अगर जंगलों से प्यार है तो बेलघर अभयारण्य जरूर जाना चाहिए। पहाड़ों और अनूठे नजारों से भरी ये जगह 'कुटिया कोंधा' प्रजाती के लोगों की मातृभूमि मानी जाती है। इन जगहों के अलावा, आप कॉफी बागान, स्पाइस गार्डन, डोलुरी नदी और रुशिकुलिया नदी भी जा सकते हैं।
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यहां पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा भुवनेश्वर है। भुवनेश्वर और दरिंगबाड़ी के बीच की दूरी 250 कि.मी. है। भुवनेश्वर से, दरिंगबाड़ी पहुंचने के लिए कैब ले सकते हैं। ट्रेन से सफर कर रहे हैं तो निकटतम रेलवे स्टेशन ब्रह्मापुर है। ब्रह्मापुर से दरिंगबाड़ी के बीच की दूरी लगभग 120 कि.मी. है। दरिंगबाड़ी पहुंचने के लिए ब्रह्मापुर से टैक्सी मिल जाएगी।