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दिल्ली चुनावः बसपा विधायक की संपत्ति में सबसे अधिक 144 फीसद इजाफा
एडीआर ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में पुनः चुनाव लड़ने वाले विधायकों के स्वघोषित शपथ पत्र के आधार पर उनकी संपत्ति का तुलनात्मक विश्लेषण किया है। विश्लेषण का निष्कर्ष यह है कि पुनः चुनाव लड़ने वाले 55 विधायकों की औसत संपत्ति विधानसभा चुनाव 2015 में जहां 7.25 करोड़ थी वहीं विधानसभा चुनाव 2020 में यह बढ़कर 8.17 करोड़ हो गई है।
नई दिल्लीः एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स, एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 2015 की तुलना में 2020 में दलगत आधार पर चुनाव लड़ने वाले विधायकों में बसपा के एक विधायक की संपत्ति में सबसे अधिक 144 फीसदी का इजाफा हुआ है। जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस विधायक के दो विधायकों की संपत्ति में 118 फीसद का इजाफा हुआ है। तीसरे नंबर पर भाजपा के पांच विधायकों की संपत्ति में 14 फीसद की वृद्धि हुई है जबकि आप के 45 विधायकों की संपत्ति 11 फीसद बढ़ी है। इसके अलावा एनसीपी के दो विधायकों की संपत्ति लगभग आठ फीसद बढ़ी है। इस बात का खुलासा एडीआर की रिपोर्ट में हुआ है।
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एडीआर ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में पुनः चुनाव लड़ने वाले विधायकों के स्वघोषित शपथ पत्र के आधार पर उनकी संपत्ति का तुलनात्मक विश्लेषण किया है। विश्लेषण का निष्कर्ष यह है कि पुनः चुनाव लड़ने वाले 55 विधायकों की औसत संपत्ति विधानसभा चुनाव 2015 में जहां 7.25 करोड़ थी वहीं विधानसभा चुनाव 2020 में यह बढ़कर 8.17 करोड़ हो गई है। पांच वर्षों के दौरान इन विधायकों की संपत्ति में 92.12 लाख रुपए की वृद्धि हुई है। जिसे 13 प्रतिशत की वृद्धि कहा जा सकता है।
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सबसे ज्यादा इन विधायकों की संपत्ति बढ़ी
इन विधायकों में नजफगढ़ से आप के कैलाश गहलोत की संपत्ति में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है। गहलोत की संपत्ति 37.45 करोड़ से बढ़कर 46.07 करोड़ हो गई है। जबकि मोतीनगर से आप के शिव चरण गोयल की संपत्ति में 6.28 करोड़ की वृद्धि हुई है। गोयल की 2015 में संपत्ति 18.14 करोड़ थी जो कि 2020 में 24.43 करोड़ हो गई है। इसी तरह छत्तरपुर से आप के ही करतार सिंह तंवर की संपत्ति में 6.19 करोड़ की वृद्धि हुई है। तंवर की संपत्ति 2015 में 17.65 करोड़ थी जो कि 2020 में 23.84 करोड़ है।