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यूपी सरकार से पीएफ के भुगतान के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी करने की मांग
गुरुवार को राजधानी लखनऊ में शक्ति भवन पर हुई सभा में बिजली कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री के इस बयान पर आक्रोश व्यक्त किया जिसमें उन्होंने प्राविडेन्ट फण्ड घोटाले के लिए ट्रस्ट के कर्मचारी प्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराया है।
लखनऊ: यूपी पावर कार्पोरेशन में पीएफ घोटाले के मामले में चल रहे बिजली कर्मचारियों के शांतिपूर्ण आन्दोलन के दौरान प्रदेश के ऊर्जा मंत्री के रवैये को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि ऊर्जा मंत्री के बयानों से ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर टकराव का वातावरण बन रहा है।
इसके साथ ही संघर्ष समिति ने गुरुवार को प्रदेश सरकार व ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन को 28 नवम्बर से अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार की नोटिस दे दी है।
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बिजली कर्मचारियों ने जताया आक्रोश
इधर गुरुवार को राजधानी लखनऊ में शक्ति भवन पर हुई सभा में बिजली कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री के इस बयान पर आक्रोश व्यक्त किया जिसमें उन्होंने प्राविडेन्ट फण्ड घोटाले के लिए ट्रस्ट के कर्मचारी प्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराया है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि श्रीकांत शर्मा के ऊर्जा मंत्री रहते हुए ट्रस्ट की एक भी बैठक नहीं हुई और अरबों रुपये का घोटाला होता रहा तो यह ट्रस्ट के कर्मचारी प्रतिनिधियों की नहीं अपितु ऊर्जा मंत्री की नैतिक जिम्मेदारी है।
संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया है कि बिजली कर्मचारियों का शांतिपूर्ण आन्दोलन प्रदेश सरकार के नहीं अपितु घोटाले के विरोध में है। अतः ऊर्जा मंत्री को ऐसे बयानों से बचना चाहिए जिससे समाधान के बजाय टकराव बढ़ता हो।
कार्य बहिष्कार के अभियान में बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों व अभियन्ताओं ने आज राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश भर में समस्त परियोजनाओं व जिला मुख्यालयों पर विरोध सभायें और प्रदर्शन किये।
संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से अपील की है कि वे प्रभावी हस्तक्षेप कर बिजली कर्मचारियों के प्राविडेन्ट फण्ड के भुगतान की गजट नोटिफिकेशन जारी कराने की कृपा करें जिससे बिजली कर्मचारी निश्चिन्त होकर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने में जुटे रह सकें।
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चेयरमैनों की गिरफ्तारी की मांग
संघर्ष समिति ने यह भी मांग की है कि घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व चेयरमैनों को जो ट्रस्ट के भी चेयरमैन रहे हैं सेवा से बर्खास्त कर तत्काल गिरफ्तार किया जाये।
संघर्ष समिति ने 28 नवम्बर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की नोटिस में यह चेतावनी भी दी है कि अगर शांतिपूर्ण ध्यानाकर्षण आन्दोलन के दौरान किसी का भी उत्पीड़न किया गया या किसी को भी गिरफ्तार किया गया तो बिना और कोई नोटिस दिये उसी समय सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर व अभियन्ता अनिश्चितकालीन पूर्ण हड़ताल और सामूहिक जेल भरो आन्दोलन प्रारम्भ करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार व पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन की होगी।
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