पीएफ घोटाला: सियासत तेज, बिजलीकर्मियों की मांग निष्पक्ष हो जांच

बिजलीकर्मियों ने प्रदर्शन करते हुए मांग की है कि पावर सेक्टर इम्पलाइज ट्रस्ट में जमा धनराशि के भुगतान की जिम्मेदारी सरकार ले, और घोटाले के दोषी पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन को तत्काल हटाकर उन्हें गिरफ्तार किया जाए, और मामले की निष्पक्ष जांच हो।

Harsh Pandey
Published on: 6 Nov 2019 12:22 PM GMT
पीएफ घोटाला: सियासत तेज, बिजलीकर्मियों की मांग निष्पक्ष हो जांच
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लखनऊ: यूपी की योगी सरकार में हुए पीएफ घोटाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है, एक तरफ जहां राजनीति बयानबाजी तेज हो गई है। इस मसले को लेकर सत्ता गलियारे में खूब सियायत देखने को मिल रही है, तो वहीं घोटाले के विरोध में बिजलीकर्मियों व अभियंताओं ने मंगलवार को राजधानी समेत पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों की मांग...

बिजलीकर्मियों ने प्रदर्शन करते हुए मांग की है कि पावर सेक्टर इम्पलाइज ट्रस्ट में जमा धनराशि के भुगतान की जिम्मेदारी सरकार ले, और घोटाले के दोषी पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन को तत्काल हटाकर उन्हें गिरफ्तार किया जाए, और मामले की निष्पक्ष जांच हो।

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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने एलान किया है कि प्रदेशव्यापी विरोध सभाओं का क्रम आज भी जारी रहा।

बता दें कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शक्ति भवन स्थित पावर कार्पोरेशन मुख्यालय पर बड़ी संख्या में बिजली कर्मचारी व अभियंता प्रदर्शन में शामिल हुए, दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा।

इसके साथ ही सभा को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सारे प्रकरण की सीबीआई जांच के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया और मांग करते हुए कहा कि चेयरमैन ट्रस्ट के भी अध्यक्ष हैं इसलिए उनके पद पर रहते हुए साक्ष्यों से छेड़छाड़ की संभावना है।

गौरतलब है कि ट्रस्ट के माध्यम से कर्मचारियों के जीपीएफ व सीपीएफ की धनरशि गैरकानूनी ढंग से अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की सूची में न आने वाले डीएचएफएल में निवेश की गई जिसकी जिम्मेदारी पावर कार्पोरेशन व ट्रस्ट के चेयरमैन की होती है।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि डीएचएफएल में निवेश करना ही गलत था, यह निवेश एफडी में किया गया जो और भी असुरक्षित था।

अखिलेश, प्रियंका और माया का योगी सरकार पर हमला, बीजेपी का पलटवार...

एक तरफ जहां इस मसले पर पूरा विपक्ष एक साथ खड़ा होता दिख रहा है वहीं मोर्चा संभालते हुए सत्तापक्ष की ओर से खुद सीएम योगी और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा सामने आये हैं।

बता दें कि उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड में हुए पीएफ घोटाले में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। सपा-बसपा और कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष मामले में सरकार को घेर रहा है, तो ने मोर्चा संभाल रखा है।

विपक्ष (सपा, बसपा और कांग्रेस) भाजपा सरकार पर दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) से करोड़ों रुपए चंदा वसूलने का आरोप लगा रहे हैं, तो सत्तारूढ़ दल का कहना है कि घोटाले की नींव पूर्ववर्ती सपा सरकार में रखी गई थी।

अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी ने साधा निशाना...

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रोजाना इस मुद्दे को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार को कटघरे में लगातार निशाने पर लेकर प्रश्न खड़ा कर रहे हैं।

वहीं, मंगलवार को पहली बार मायावती ने भी ट्वीट करते हुए आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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जांच शुरू...

उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन(UPPCL) के पीएफ घोटाले में ईओडब्लू की जांच शुरू हो गई है। मंगलवार को बिजली विभाग के पूर्व एमडी एपी मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है।

बताया जा रहा है कि यूपीपीसीएल के पीएफ घोटाले में अब तक यह तीसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले पॉवर कार्पोरेशन के तत्कालीन निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी तथा तत्कालीन सचिव (ट्रस्ट) प्रवीण कुमार गुप्ता को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजा जा चुका है। यूपी सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने श्रीकांत शर्मा पूछा सवाल...

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने अजय कुमार लल्लू ने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है पीएफ की राशि डीएचएफएल में निवेश करने का मुद्दा केवल भ्रष्टाचार ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा से भी जुड़ा है। अजय कुमार लल्लू ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से सवाल किया कि सितंबर-अक्तूबर 2017 में वह किस प्रयोजन से दुबई गए थे और कैसे कर्मचारियों के पसीने की कमाई का पैसा देश के प्रति संदिग्ध एवं डिफाल्टर कंपनी को दिया गया।

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इसके साथ ही उन्होंने सीएम योगी से ऊर्जा मंत्री को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा सितंबर-अक्तूबर 2017 में दुबई क्यों गए थे? वहां उनकी किन-किन लोगों से मुलाकात हुई।

इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ऊर्जामंत्री का दौरा उसम समय हुआ जब डीएचएलएल का पैसा कंपनी को दिया गया था।

लल्लू ने कहा कि सरकार को बिजली कर्मचारियों के पीएफ निवेश पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि डीएचएफएल से समझौता योगी आदित्यनाथ की सरकार में हुआ है इसलिए मामले में पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है।

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लल्लू ने कहा कि ऊर्जा मंत्री मानहानि के मुकदमे की धमकी देकर 45 हजार कर्मचारियों के पसीने की कमाई को निगल जाना चाहते हैं। आखिर वे इस बात का जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं कि उनकी किन गुनहगारों के साथ यारी है।

पावर कार्पोरेशन पीएफ घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश हो रही है: संघर्ष समिति...

यूपी पावर कार्पोरेशन में हुए पीएफ घोटाले के विरोध में लामबंद विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऊर्जा मंत्रालय ट्रस्ट के भुगतान की जिम्मेदारी उप्र पावर कारपोरेशन पर डालकर पल्ला झाड़ने में लगा है।

संघर्ष समिति ने कहा है कि यह कहना हास्यास्पद है कि ट्रस्ट की धनराशि के भुगतान को पावर कारपोरेशन सुनिश्चित करेगी। समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बुधवार को कहा कि पावर कारपोरेशन खुद 85 हजार करोड़ रुपये से अधिक के घाटे में है, ऐसे में उस पर ट्रस्ट का भुगतान भी डाल देना केवल गुमराह करने वाला कदम होगा।

उन्होंने कहा कि वैसे भी पावर कारपोरेशन नियामक आयोग के समक्ष एआरआर में खर्च का विवरण देता है तो उससे हट कर ट्रस्ट के भुगतान की गुंजाइश कहां रह जाती है। उन्होंने ऐसे किसी भी प्रस्ताव को अस्वीकार्य और भड़काने वाला बताया है।

इससे पूर्व संघर्ष समिति के आह्वान पर बुधवार को दूसरे दिन भी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं ने राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के सभी परियोजना और जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मांग की है कि पावर सेक्टर इम्पलाइज ट्रस्ट में जमा धनराशि के भुगतान की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ले और घोटाले के दोषी पावर कारपोरेशन व ट्रस्ट के अध्यक्ष को उनके पद से तत्काल हटाकर गिरफ्तार किया जाये जिससे घोटाले की निष्पक्ष जांच हो सके। राजधानी लखनऊ में आज शक्ति भवन पर सैकड़ों की तादाद में बिजली कर्मचारी व अभियन्ता प्रदर्शन में सम्मिलित हुए और बिजली दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा।

कांग्रेसियों ने श्रीकांत शर्मा का पुतला फूंका...

उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में बिजली विभाग के 45 हजार कर्मचारियेां के भविष्य निधि में किये गये 2600 करोड़ रूपये घोटाले के विरोध में आज प्रदेश भर में कांग्रेसियों द्वारा ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा को बर्खास्त करो के नारे लगाते हुए उनका पुतला फूंका।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज भाजपा सरकार के खिलाफ ऊर्जा मंत्री बर्खास्त करो, भाजपा सरकार में-भविष्य अंधकार के नारे लगाते हुए अपना विरोध जताया । जिसमें प्रमुख रूप से संजय सिंह, छोटेलाल चैरसिया, जीवनलाल श्रीवास्तव, रोहित अवस्थी, पुष्पेन्द्र श्रीवास्तव, सचिन मिश्रा, प्रमोद तिवारी आदि तमाम कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल रहे।

बतातें चले कि प्रदेश की सभी जिला एवं शहर इकाइयों के अध्यक्षों, प्रमुख कांग्रेसजनों एवं फ्रन्टल संगठनों, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवादल एवं भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन, विभागों, प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने बिजली कर्मचारियों के आन्दोलन को अपना समर्थन देते हुए प्रदेश के सभी जनपदों में ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा का पुतला फूंककर अपना विरोध प्रदर्शन किया।

Harsh Pandey

Harsh Pandey

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