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UP Nikay Chunav 2023: निकाय चुनाव में ट्रांसजेंडर्स को भी आरक्षण देने की मांग, HC ने UP सरकार से मांगा जवाब
UP Nikay Chunav 2023: ट्रांसजेंडर्स के आरक्षण की मांग को लेकर किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम किन्नर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की है। जिस पर आज सुनवाई हुई।
UP Nikay Chunav 2023: यूपी निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav 2023) में ट्रांसजेंडर्स को मिलने वाले आरक्षण वाली याचिका पर बुधवार (19 अप्रैल) को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस मसले पर यूपी सरकार से जवाब मांगा है। बता दें ये याचिका दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सोनम किन्नर ने दायर की है।
ट्रांसजेंडर्स मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट ने कहा था कि, OBC आरक्षण में ट्रांसजेंडर्स को क्यों नहीं शामिल किया गया। हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए यूपी सरकार से जवाब मांगा है। जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस मनीष कुमार की बेंच ने सुनवाई की। अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है। प्रदेश की सभी पार्टियां चुनाव तैयारियों में मशगूल हैं। ओबीसी आरक्षण को लेकर चुनाव में पेंस फंस गया था। मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गया, जिसके कारण चुनाव तय समय से लेट हो रहे हैं। ओबीसी आरक्षण का मुद्दा शांत होने के बाद अब ट्रांसजेंडर्स को आरक्षण देने का मुद्दा गरमाने लगा है। किन्नर समुदाय के लोग इसे लेकर काफी गंभीर हैं और अपनी मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा तक खटखटा चुके हैं।
ट्रांसज़ेंडर्स के आरक्षण की माँग को लेकर किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम किन्नर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की है, जिस पर आज सुनवाई होनी है। इस मामले में उच्च न्यायालय का फैसला काफी अहम होगा। क्योंकि अभी तक देश के किसी भी हिस्से में ऐसा प्रावधान नहीं किया गया है।
एटा महोत्सव में आरक्षण देने की उठी थी मांग
यूपी में होने जा रहे स्थानीय निकाय चुनाव में ट्रांसज़ेंडर्स को आरक्षण देने की मांग इस साल जनवरी में हुए एटा महोत्सव में उठी थी। तब भारत की पहली महिला ट्रांसजेंडर कथक नृत्यांगना और यूपी ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की प्रमुख सदस्य देविका एस मंगला ने सरकार के सामने इस मांगको रखा था। उन्होंने ट्रांसजेंडर्स को निकाय चुनावों, लोकसभा और विधानसभा चुनावों में आरक्षण देन की जोरदार मांग रखी थी।
बकौल देविका देश में ट्रांसजेंडर की संख्या करोड़ों में है, इसलिए उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए अलग से सीटें आरक्षित होनी चाहिए। केवल मेयर ही नहीं सभापति और सभापदों के चयन में भी ट्रांसजेंडर को वरीयता मिलनी चाहिए। देविका ने आगे कहा था कि हम लोग बागी हैं, आप दर्जा नहीं दोगे तो हम दर्जा ले लेंगे।