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देव दीपावली: जमीं पर दिखेगा 'जन्नत' का नजारा, 7 लाख में बुक हुई जलपरी
दशाश्वमेध घाट पर होने वाली महाआरती भले ही इस बार ना हो लेकिन अन्य घाटों पर जन्नत सा नजारा दिखेगा। घाटों पर जलते दीये कहीं देशभक्ति की छटा बिखेरेंगे तो कहीं कहीं काशी की परंपरा दिखेगी।
वाराणसी: कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाने वाली देव दीपावली के लिए भव्य तैयारी की जा रही है। दशाश्वमेध घाट पर होने वाली महाआरती भले ही इस बार ना हो लेकिन अन्य घाटों पर जन्नत सा नजारा दिखेगा। घाटों पर जलते दीये कहीं देशभक्ति की छटा बिखेरेंगे तो कहीं कहीं काशी की परंपरा दिखेगी।
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तुलसी घाट पर 'लालचौक' का नजारा
तुलसीघाट पर देवदीपावली में इस बार फिर देशभक्ति हिलोर मारेगी। आर्टिकल 370 हटने और केंद्र सरकार के अधीन आए कश्मीर की संस्कृति को देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में दिखाई जाएगी। संकटमोचन फाउंडेशन की ओर से इस बार 50 फुट ऊंचा लालचौक का दृश्यांकन किया जाएगा, जिसे मुम्बई, पटना, दिल्ली, अररिया और बनारस के कलाकार तैयार किया है। तुलसीघाट की देव दीपावली 'काशी टू कश्मीर' के कांसेप्ट पर मनेगी। वहीं शीतला घाट पर मां गंगा की 180 किलो की अष्टधातु की प्रतिमा का विशेष पूजन किया जाएगा। इसी तरह केदारघाट पर होने वाली आरती सेना के जवानोंको समर्पित होगी।
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7 लाख में बुक हुई 'जलपरी'
देव दीपावली पर सैलानियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। हालांकि इस बार स्मॉग के चलते विदेशी सैलानियों की संख्या जरूर कम है, लेकिन देसी पर्यटक गंगा किनारे बनने वाले विहंगम दृश्य को देखने के लिए काशी पहुंच रहे हैं। लिहाजा यहां के होटल मालिकों और नाविकों के चेहरे पर मुस्कान आने लगी है। सबसे ज्यादा डिमांड नाव और बजडों की है। नाव जहां 25 से 40 हजार में बुक हो रही है तो बजडों का किराया लाखों में है। देव दीपावली के खास मौके के लिए गंगा में चलने वाली जलपरी नाव की बुकिंग की गई है। जलपरी के मैनेजर दिवाकर त्रिपाठी के मुताबिक मुम्बई के एक ग्रुप ने इसे य लाख रुपये में बुक कराया है।
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