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गोविन्द दशमी: यहां उमड़ा आस्था का सैलाब, श्रद्धालुओं ने लगाई सरोवर में डुबकी
शुक्रवार को भोर होते गोविन्द साहब के गगनभेदी उद्घोष से पूरा धाम गुंजायमान रहा। लोग सरोवर में स्नानोपरान्त हाथों में कच्ची खिचड़ी का प्रसाद तथा मन में मन्नतें लेकर भीगे वस्त्रों में ही बाबा की समाधि की तरफ पहुचते रहे।
अम्बेडकरनगर: पूर्वांचल की पौराणिक तपोस्थली महात्मा गोविन्द साहब स्थित गोविन्द दशमी मुख्य स्नान पर्व और खुले आसमान के नीचे भोर होने का इंतजार। इस दौरान हल्की हवा के झोके होने के बावजूद लोगों के दिलो में अटूट श्रद्धा की ज्योति एवं आस्था के आत्मविश्वास के आगे सर्द हवाएं भी नतमस्तक हो चुकी थीं।
कुछ ऐसा ही नजारा था जनपद की पूर्वी सीमा पर स्थित पवित्र तपोस्थली गोविंद साहब धाम का। गुरुवार की आधी रात खत्म होते ही शुक्रवार को लाखों श्रद्धालुओं के कदम चल पड़े थे पवित्र गोविन्द सरोवर की ओर अपने आस्था की डुबकी लगाने को। शुक्रवार को भोर होते गोविन्द साहब के गगनभेदी उद्घोष से पूरा धाम गुंजायमान रहा।
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श्रदालुओं ने प्रसाद में चखी खिचड़ी
लोग सरोवर में स्नानोपरान्त हाथों में कच्ची खिचड़ी का प्रसाद तथा मन में मन्नतें लेकर भीगे वस्त्रों में ही बाबा की समाधि की तरफ पहुचते रहे।समूचे मठ परिसर में चारों तरफ केवल एक गूँज सुनाई दे रही थी बोलो गोविन्द साहब की जय।
कुछ लोगों ने आधी रात के बाद से ही स्नान करना शुरू कर दिया लेकिन अधिकतर लोगो ने ब्रह्म मुहूर्त में ही डुबकी लगाई। माना जाता है कि ब्रम्हमुहूर्त में स्नान करना अधिक फलदायी माना जाता है। गोविन्द दशमी मेले के पहले दिन सोमवार को लगभग पांच लाख से अधिक लोगो ने पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर भारी भीड़ का सारा रिकार्ड तोड़ दिया।
यह बात दीगर है कि श्रद्धालुओं के स्नान का सिलसिला शुक्रवार देर शाम तक चलता रहा । हालाँकि मेले में एक दिन पहले से ही श्रद्धालुओ की भीड़ पहुचना शुरू हो गया था तथा जिसे देखकर भोर में लग रहा था कि मानो आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।
मेला मजिस्ट्रेट भरत लाल सरोज ने बताया कि शान्ति पूर्वक चल रहे गोविन्द साहब मुख्य स्नान पर्व पर बताया कि लगभग पांच लाख लोग स्नान कर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए हैं । उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए मेला प्रशासन पुलिस बल के साथ मुस्तैद है।
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