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Hardoi News: वीडियो कॉल से देखा जाएगा, मास्टर साहब पढ़ा रहे कि नहीं!

Hardoi News: महानिदेशक ने उच्च प्राथमिक और प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक, शिक्षामित्र और अनुदेशकों का ऑनलाइन निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। इसके लिए गठित किए गए मूल्यांकन प्रकोष्ठ के सदस्य वॉयस और वीडियो कॉल कर निरीक्षण करेंगे।

Pulkit Sharma
Published on: 26 April 2023 12:03 AM IST
Hardoi News: वीडियो कॉल से देखा जाएगा, मास्टर साहब पढ़ा रहे कि नहीं!
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वीडियो कॉल से होगी शिक्षकों की उपस्थिति की निगरानी(Pic: Newstrack)

Hardoi News: अनुपस्थित रहकर विद्यालय में उपस्थिति दर्ज करा लेने वाले शिक्षकों में मंसूबों पर अब पानी फिर गया है। निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अब वॉयस और वीडियो कॉल से ऑनलाइन निरीक्षण किया जाएगा। इसके लिए पांच सदस्यीय मूल्यांकन प्रकोष्ठ का गठन भी किया गया है।

पत्र जारी कर दिया निर्देश

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय करन आनंद ने सभी डायट प्राचार्य और बीएसए के नाम चिट्ठी जारी की है। जारी की गई चिट्ठी में साफ कहा गया है कि निपुण भारत मिशन का सही क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। इसके लिए जिस मकसद से एसआरजी और एआरपी को निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए थे, वह पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा। महानिदेशक ने उच्च प्राथमिक और प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक, शिक्षामित्र और अनुदेशकों का ऑनलाइन निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। इसके लिए गठित किए गए मूल्यांकन प्रकोष्ठ के सदस्य वॉयस और वीडियो कॉल कर निरीक्षण करेंगे। पांच सदस्यीय मूल्यांकन प्रकोष्ठ में डायट प्राचार्य के साथ एक वरिष्ठ और दो प्रवक्ताओं के साथ एक तकनीकी सहायक को शामिल किया गया है।

व्यवस्था पर उठ रहे सवाल

परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थित को लेकर महानिदेशक द्वारा तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि क्या इसी निरीक्षण में उन गुरुजी के पास फोन आएगा जो कभी विद्यालय तक झांकने तक नहीं जाते हैं। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के इर्द-गिर्द मड़राने वाले दर्जनों शिक्षक-शिक्षिकाओं के पास भी क्या यह ऑनलाइन कॉल आएगी या अन्य निरीक्षणों की तरह नियमित विद्यालय आने वालों के पास ही महानिदेशक का फरमान आजमाया जाएगा। दरअसल, जनपद में प्राथमिक शिक्षा से जुड़े कुछ शिक्षक टीचर कम नेता ज्यादा नजर आते हैं। उनका मन पढ़ाने के अलावा शिक्षकों संगठनों की राजनीति, निकाय चुनाव और तमाम कथित सामाजिक कार्यों में ज्यादा लगता दिखाई देता है। वो खुद को शिक्षक नेता के तौर पर पेश कर इसे भुनाने की कोशिश करते रहते हैं। हालांकि शिक्षा से उनका काफी दूर तक कम ही वास्ता नजर आता है।



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Pulkit Sharma

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