यूपी में धनगर जाति को एस-सी का दर्जा देने के शासनादेश पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धनगर जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा देने के शासनादेशों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति का लाभ केवल उन्हीं जातियों को मिल सकता है, जो केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित की गई हैं।

Rishi
Published on: 30 April 2019 4:21 PM GMT
यूपी में धनगर जाति को एस-सी का दर्जा देने के शासनादेश पर रोक
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प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धनगर जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा देने के शासनादेशों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति का लाभ केवल उन्हीं जातियों को मिल सकता है, जो केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित की गई हैं।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल एवं न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने बलबीर सिंह व अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट मे राज्य सरकार से याचिका पर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

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याचिका में राज्य सरकार के 24 अक्तूबर 2003, 16 दिसंबर 2016 एवं 26 मार्च 2018 के शासनादेश को चुनौती देते हुए कहा गया था कि राज्य सरकार ने इन शासनादेशों के माध्यम से धनगर जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा दे दिया है जबकि किसी जाति को अनुसूचित जाति/जनजाति का दर्जा देने का अधिकार केवल केंद्र सरकार को है।

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याचिका में भइयालाल बनाम हरिकिशन सिंह और महाराष्ट्र राज्य बनाम मिलिंद व अन्य में सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का आधार लेते हुए यह भी कहा गया कि प्रेसीडेंशियल ऑर्डर में अधिसूचित जातियों की श्रेणी उसी रूप में पढ़ी जाएंगी, जिस रूप में वे अधिसूचित हैं। किसी जाति को इस वर्ग में जोड़ने और अपने हिसाब से पढ़ने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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