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डायल 112: इस एक केस की वजह से पड़ी थी नींव, जानें इसके बारे में सबकुछ

निर्भया कांड के बाद भारत सरकार ने 2012 में जस्टिस वर्मा कमेटी की अध्यक्षता में बनी कमेटी के सिफारिश पर मोदी सरकार ने देश में डायल 112 को लागू किया है।

Aditya Mishra
Published on: 26 Oct 2019 9:36 AM GMT
डायल 112: इस एक केस की वजह से पड़ी थी नींव, जानें इसके बारे में सबकुछ
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धनंजय सिंह

लखनऊ: निर्भया कांड के बाद भारत सरकार ने 2012 में जस्टिस वर्मा कमेटी की अध्यक्षता में बनी कमेटी के सिफारिश पर मोदी सरकार ने देश में डायल 112 को लागू किया है।

डायल 112 से आधा दर्जन आपातकालीन सेवाएं जुड़ जाएगी। आम जनता को डायल 112 के डायल करते ही यह सुविधायें मिलेंगी, उनको अलग से दूसरे नम्बरों को डायल करने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

आम जनता आपातकालीन सेवाओँ से जुड़े जो भी नंबर है उस पर कॉल करेंगे, वह भी नंबर डायल 112 से जुड़ जायेगा। शनिवार को केंद्रशासित राज्यों के बाद यूपी सरकार ने भी डायल 112 के एप को लांच कर दिया है। इस एप के माध्यम से सभी आपातकालीन नंबर जुड़ गए है।

भारत सरकार ने 2012 में निर्भया कांड के बाद जस्टिस वर्मा कमेटी की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने देश में अमेरिका इमरजेंसी नंबर 911 की तर्ज पर इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्स सिस्टम(ईआरएसएस ) को समूचे देश में लागू करने की सिफारिश की थी।

मोदी सरकार ने भारत 112 एक इमरजेंसी नंबर मानते हुए पिछले दिनों केंद्रशासित राज्यों में लांच कर इसकी शुरुआत कर दी है। अब आप जब एक राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से दूसरी जगह सफर कर रहे हो।

यह नंबर लोगों की परेशानी कम करेगा। विश्व के अधिकांश देशों में आपातकालीन सेवाओं के लिए एक ही नंबर उपलब्ध है। भारत में सभी इमरजेंसी के लिए अलग-अलग नंबर डायल करना पड़ता था, जो अब ख़त्म हो जायेगा।

भारत सरकार ने सभी राज्यों को लागू करने के लिए 321.69 करोड़ रुपए निर्भया स्कीम के तहत यूनियन टेरेटरी को देगी जिससे ईआरएसएस मजबूत किया जा सके।

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डायल 112 कौन-कौन सी सेवाएं जुड़ी

भारत सरकार ने देश में पुलिस के लिए 100, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 108, अग्निशमन सेवाओं के लिए 101, महिला हेल्पलाइन के लिए 1091 और 181, चाइल्ड हेल्पलाइन के लिए 1098 नंबर हैं। इन सभी को 112 के अंतर्गत लाया गया है। यानी 112 डायल कर आप किसी भी इमरजेंसी सेवा का लाभ उठा सकते हैं।

112 नंबर पर कॉल करने से नेविगेशन में निश्चित लोकेशन मिलेगी। इस सेवा से फायर सर्विसेज, एंबुलेंस और एसडीआरएफ को भी जोड़ा गया है। पुलिस की गाड़ियों और साइन बोर्ड से यूपी 100 का लोगो हटाया जाएगा।

इमरजेंसी सर्विस को एक्सेस करने के लिए कोई इंसान अपने फोन से 112 डायल कर सकता है या फिर अगर कोई बहुत बड़ी इमर्जेंसी है तो फोन का पावर बटन तीन बार प्रेस करने पर भी 112 नंबर डायल हो जाएगा।

अगर फीचर फोन है तो 5 या फिर 9 बटन को थोड़ी देर तक दबाया जाए तो काम हो जाएगा। जैसे ही 112 पर कॉल किया जाएगा वैसे ही पुलिस ये कॉल देखेगी और तुरंत एक्शन लेगी। कॉल डिस्ट्रिक्ट कमांड सेंटर द्वारा रिसीव की जाएगी और तुरंत ही इमरजेंसी गाड़ियां भेज दी जाएंगी।

कौन से राज्य लॉन्च कर रहे हैं ये इमरजेंसी नंबर?

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, पुद्दुचेरी, लक्ष्यद्वीप, अंडमान, दादर नागर हवेली, दमन और दीव, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, नागालैंड और हिमाचल प्रदेश समेत 19 राज्य डायल 112 को लांच कर दिए है।

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अगर फेक कॉल किया तो?

112 एक इमरजेंसी नबंर है और सिर्फ इमर्जेंसी के लिए ही इस्तेमाल होना चाहिए। अगर कोई इस नंबर पर प्रैंक कॉल करता है या फिर बिना किसी मतलब बार-बार डायल करता है तो इसे एक तरह का जुर्म माना जाएगा।

112 का गलत इस्तेमाल करने वाले को पुलिस ट्रैक करेगी और निर्धारित सज़ा भी दी जाएगी। पुलिस इमरजेंसी कॉल सेंटर से डेटा लेकर कॉलर को आसानी से ट्रैक कर सकती है।

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Aditya Mishra

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