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पुलिसकर्मियों को मास्क, भोजन बांट रहे DIG, राष्ट्रपति और PM कर चुके हैं सम्मानित

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लाॅकडाउन की अवधि 03 मई तक बढ़ा दी गई है। जब से लाॅकडाउन हुआ है तब से पुलिस बल की ज़िम्मेदारी बढ़ गई है।

Dharmendra kumar
Published on: 28 April 2020 6:53 AM GMT
पुलिसकर्मियों को मास्क, भोजन बांट रहे DIG, राष्ट्रपति और PM कर चुके हैं सम्मानित
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गोंडा: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लाॅकडाउन की अवधि 03 मई तक बढ़ा दी गई है। जब से लाॅकडाउन हुआ है तब से पुलिस बल की ज़िम्मेदारी बढ़ गई है। वे हर संभव प्रयास में जुटे हैं कि लाॅकडाउन सफल हो जाए और लोगों को परेशानी न हो। इस महामारी में प्रशासन एवं विभिन्न सामाजिक संगठन अपने स्तर पर लोगों को जागरूक करने के साथ ही लोगों की मदद का काम कर रहे हैं।

ऐसे संकट में देवी पाटन मंडल के डीआइजी डाॅ. राकेश सिंह के कार्यों की प्रशंसा हो रही है, जो ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों, होमगार्डस तक सेनेटाइजर, मास्क और खाने का पैकेट देते हैं, उनका हौसला बनाए रखते हैं। तनम न और धन से से जुटे डीआइजी कस्बों और गांवों में बेसहारा, गरीब और जरुरतमंद लोगों को मास्क, खाना और राशन किट भी बांटते हैं।

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बांट चुके 10 हजार मास्क, खाद्य सामग्री

लाॅकडाउन के दौरान पुलिस कर्मियों समेत 10 हजार से अधिक लोगों को फेस मास्क और खाद्य सामग्री बांट चुके आइपीएस डा. राकेश ंिसंह का कहना है कि पुलिस कर्मी, होमगार्ड के जवान रात दिन ड्यूटी में संलग्न हैं इसलिए सेनिटाइजर और मास्क का इंतजाम उनके लिए कठिन है। उन्हें समय से नाश्ता और भोजन भी नहीं मिल पाता। इसीलिए अपने स्टाफ के साथ जब वह दौरों पर जाते हैं तो वह अपने साथ कोरोना वायरस बचाव के लिए सेनेटाइजर, फेस मास्क और खाने का पैकेट भी ले जाते हैं और अलग-अलग जगहों पर तैनात पुलिसकर्मियों से जाकर मिलकर उन्हें देते हैं और कुशल क्षेम पूंछकर उनकी हौसला अफजाई भी करते हैं।

वृद्धाश्रम की महिला का पैर छूकर आर्शीवाद लेते डीआइजी राकेश सिंह

जरुरतमंदों को देते हैं मास्क, खाद्यान्न

डाॅ. राकेश सिंह बताते हैं कि लाकडाउन के शुरुआत में जब उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों खासकर भारत-नेपाल के बार्डर के दर्जनों गांवों का भ्रमण किया तो पता चला कि अनेक परिवारों के पास पर्याप्त राशन नहीं है। यहां पर रहने वाले ज़्यादातर लोग खेतिहर, दिहाड़ी मजदूर या फिर अन्य छोटी-मोटी जगह काम करते हैं। उन्होंने महसूस किया कि लाकडाउन की सबसे ज्यादा मार झेलने वाले समाज के जरूरतमंद तबके को मदद की जरुरत है। इसके बाद स्वैच्छिक संस्थाओं के सहयोग से राशन और खाने के पैकेट का इंतजाम किया गया। तभी से भ्रमण अथवा अन्य माध्यमों से जानकारी मिलने पर वह समाज में आर्थिक रुप से कमजोर और बेसहारा लोगों को भी खाने का पैकेट और खाद्य सामग्री के साथ मास्क देते हैं। रविवार को टीम ने बलरामपुर की सीमा पर सिरिया नाका में 9वीं वाहिनी के मदद से 35 नेपाली परिवारों को भी राहत सामग्री प्रदान किया।

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सामाजिक संगठनों का भी सहयोग

प्रदेश के जौनपुर जिले में केराकत तहसील के चन्दवक थानार्न्तगत ग्राम भटवार के निवासी रामाज्ञा सिंह के सबसे छोटे पुत्र इलाहाबाद विश्वविद्यालय से दर्शन शास्त्र में पीएचडी डीआइजी डाॅ. राकेश सिंह को समाजसेवा के संस्कार शिक्षक और इण्टर काॅलेज के प्रधानाचार्य पिता से ही मिले। लाॅकडाउन में पुलिस और बेसहारा लोगों की परेशानी देख उन्होंने खुद के पैसे से भी हजारों सेनेटाइजर, फेस मास्क मंगवाए ताकि ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को परेशानी न हो। इसके अलावा दिलीप सिंह, नरेन्द्र सिंह चावला और उनके लायंस क्लब गोंडा अवध जैसे कई सामाजिक संगठनों ने बढ़ चढ़ कर सहयोग किया और 10 हज़ार से अधिक मास्क, लंच पैकेट और राहत सामग्री उपलब्ध करवाया। टीम के सहयोग से उनका यह काम लगातार चल रहा है और आगे भी चलता रहेगा।

फल विक्रेता को कपड़े का थैला देते डीआइजी डाॅ. राकेश सिंह

टीम का हौसला बनाए रखना ज़िम्मेदारी

डीआइजी डाॅ. राकेश सिहं ने कहा कि जब से लाॅकडाउन हुआ है तब से पुलिस बल की ज़िम्मेदारी बढ़ गई है। वे हर संभव प्रयास में जुटे हैं कि लाॅकडाउन सफल हो जाए और लोगों को परेशानी न हो। ऐसे में हमें उनकी आवश्यकताओं को भी समझना होगा। उन्होंने कहा कि मंडल के चारों जिलों में पुलिस टीम का हौसला बनाए रखना हमारी ज़िम्मेदारी है। इस मुश्किल घड़ी में हमारे जवान बिना अपना आत्म विश्वास खोए काम करते रहें। इसलिए बस मैंने यह एक छोटा सा प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ मुझे लगा कि समाज भूखे और बेसहारा लोगों का ख्याल भी हमें रखना होगा, इसलिए मैं उनके लिए भी खाने का पैकेट व राशन किट लेकर जाता हूं। जहां ज़रूरत होती है टीम के सदस्य मदद के लिए पहुंचते हैं।

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वृद्ध, अनाथ बच्चों को बांटते हैं प्यार

शिक्षक और समाजसेवी पिता रामाज्ञा सिंह द्वारा दिए गए संस्कार का ही नतीजा है कि डीआइजी डाॅ. राकेश सिंह अनाथ आश्रम और वृद्धाश्रम में परिवार से अलग रह कर स्नेह की छांव के लिए तरस रहे अनाथ, विकलांग बच्चों व बुजुर्गों के बीच हर माह और कई बार दो-तीन बार जाते हैं और कम्बल, वस्त्र, मिठाई, फल, भोजन और दक्षिणा आदि देने के साथ-साथ उनका दुःखदर्द भी बांटते हैं। पांव छूते हुए उनके अपनत्व भाव को देखकर कई बार बुजुर्गों की आंखें छलछला उठती हैं। सरकारी दौरों में भी सड़क पर वृद्ध, विकलांग जन को देखकर उनका काफिला रुक जाता है और कुशलक्षेम जानकर ही वे आगे बढ़ते हैं। सर्द रातों में रात-रात भर बस स्टेशन, अस्पताल, रेलवे स्टेशन पर बेसहारा लोगों को कम्बल बांटते हैं।

डीआइजी डाॅ. राकेश सिंह के साथ लायंस क्लब की टीम

रोज लगाते हैं योग शिविर

अधीनस्थ कर्मचारियों की सेहत का ध्यान रखते हुए साल भर से डीआईजी डाॅ. राकेश सिंह के मार्गदर्शन में सुबह 7.30 से 8.30 बजे तक योग शिविर लगता है। इसमें डीआइजी कार्यालय के तीन दर्जन कर्मचारियों के साथ पुलिस लाइन के फालोवर एक साथ योगाभ्यास करके स्वस्थ रहने के गुर सीखते हैं। साथ ही आयुर्वेदिक औषधि के रुप में विख्यात गिलोय का काढ़ा पिलाया जाता है। डा. राकेश ंिसंह ने कहा कि एक योग के अभ्यास से हम अपने सम्पूर्ण जीवन को संतुलित कर सकते हैं। योग के अभ्यास से हमारे जीवन में सुख समृद्धि आरोग्य शांति का मार्ग खुल जाता है।

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पालीथिन के खिलाफ मुहिम में बांटे तीन हजार झोले

डीआइजी डाॅ. राकेश सिंह काफी समय से स्वच्छता और पर्यावरण जागरुकता को लेकर मुहिम चला रहे हैं। वे जब 35वीं वाहिनी लखनऊ के सेनानायक थे तो वाहिनी परिसर को पालीथिन से मुक्त कराया। देवी पाटन के डीआइजी बनने पर भी जारी इस मुहिम में वे लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक और पालीथिन छोड़ कर कागज और कपड़े का थैला अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं और समय-समय पर लोगों को बांटते हैं। पुलिस विभाग की वर्दियों में से बचे हुए कपड़े से तीन हजार थैले बनवाए और पुलिस कर्मियों के साथ आम लोगों को भी बांटे। ताकि लोगों में पालीथिन खत्म करने की इच्छा जागृत हो। उन्ही की प्रेरणा से एसपी आरके नैयर ने पालीथिन मुक्ति का अभियान चलाया और डीआइजी के हाथों से पुलिस लाइन में रह रहे पुलिस कर्मियों को कपड़े का थैला बांटवाया। मंडल के हर थाने में पालीथिन मुक्त परिसर का नारा दिया गया और अभियान चलाकर झोले बांटे गए। डीआइजी नेे बताया कि स्वच्छता और पर्यावरण के अभियान को अभी रोक दिया है क्योंकि अभी देश संकट में है और सबसे अधिक जरुरत इस महामारी से निपटने की है। कोरोना संकट समाप्त होने पर वे पुनः पालीथिन के खिलाफ अभियान चलाएंगे और लगभग पांच हजार की संख्या में तैयार थैलों को बांटेंगे।

पुलिस कर्मियों को कपड़े का थैला बांटते डीआइजी

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने की सराहना

पुलिस सेवा के दौरान डा. राकेश सिंह के उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए राष्ट्रपति महामहिम राम नाथ कोविंद ने सराहनीय सेवा मेडल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शाबासी देकर और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया है। इसके अलावा सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर भागीदारी पर अनेकों बार विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी उन्हें सम्मान से नवाजा है।

डाॅ. राकेश सिंह को शाबासी देते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

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डायरी बनाओ, जिंदगी बचाओ

कोरोना पाजिटिव मरीज मिलने के बाद डीआइजी डा. राकेश ंिसह के निर्देश पर मंडल के चारों जनपदों में पुलिस ने डायरी ‘बनाओ, जिंदगी बचाओ‘ अभियान शुरु किया है। वे स्वयं जहां जाते हैं वहां के लोगों को इसके फायदे बताते हैं। इसके तहत लोगों से डायरी बनाने की अपील की जा रही है, जिसमें वे दिन भर में मिलने जुलने वालों का नाम पता और मोबाइल नंबर के साथ ही आने जाने वाले रास्ते और किस जिले से आया आदि का ब्यौरा दर्ज करें। इससे विपरीत परिस्थिति में उनके सम्पर्क में आने वाले लोगों की कांट्रैक्ट ट्रेसिंग आसान हो जाएगी।

अच्छे काम से ही सुधरेगी पुलिस की छवि

डाॅ. राकेश सिंह कहते हैं कि आम तौर पर पुलिस के प्रति यही धारणा रहती है कि पुलिस वाले कठोर दिल के होते हैं। वर्दी का रौब उनके सर चढ़कर बोलता है और वो मासूम मजलूमों पर खूब अत्याचार करते हैं। लेकिन इससे ये कहना बिल्कुल गलत है कि हर पुलिस वाला बेरहम होता है। आज भी यूपी पुलिस में एक नहीं अनेक ऐसे चेहरे हैं जो पुलिसिंग से इतर समाज के लिए अच्छा काम करके पुलिस की छवि को सुधार रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सही मौका है जब हम सख्ती के साथ मानवीय चेहरा प्रस्तुत करके समाज में अपनी छवि सुधार सकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील किया है कि वे घरों में रहें।

रिपोर्ट: तेज प्रताप सिंह

Dharmendra kumar

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