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सुरक्षा के नहीं कोई इंतजाम, लॉकडाउन में पहले दिन खुली जिला कचहरी

कचहरी में सुबह से ही वकीलों का आवागमन शुरू हो गया। परंतु करोना से निपटने के लिए गेट पर किसी प्रकार की कोई सुरक्षा का इन्तेजाम नहीं किया गया है।

Aradhya Tripathi
Published on: 8 May 2020 1:48 PM IST
सुरक्षा के नहीं कोई इंतजाम, लॉकडाउन में पहले दिन खुली जिला कचहरी
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अयोध्या: भगवान राम की नगरी अयोध्या के कोरोना महामारी के दौरान ऑरेंज जोन में आने के नाते जनपद में उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला कचहरी खोल दी गई है। उक्त आशय का निर्देश स्थानीय स्तर पर जिला जज नीरज निगम ने कई दिशा निर्देशों के साथ दे दिया है। कचहरी में सुबह से ही वकीलों का आवागमन शुरू हो गया। परंतु करोना से निपटने के लिए गेट पर किसी प्रकार की कोई सुरक्षा का इन्तेजाम नहीं किया गया है।

पहले दिन खुली कचहरी

अधिवक्ता संघ द्वारा आज अपने अधिवक्ता आफताब रजा रिजवी व शरद श्रीवास्तव जिनकी लॉक डाउन के दौरान स्वाभाविक रूप से मृत्यु हो गई थी। कचहरी खुलने के पहले दिन ही आज अपने दिवंगत अधिवक्ताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह की अध्यक्षता में शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में मृतक आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई। और आज दिन भर न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत आज कोई भी कार्य दीवानी परिसर में नहीं हुआ।

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उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने कल ही स्पष्ट कर दिया था कि राजस्व न्यायालय पूरी तरीके से 17 मई तक बंद रहेंगे। जहां पर किसी प्रकार का न्यायिक कार्य नहीं होगा और दीवानी न्यायालय खुले रहेंगे। जिसके लिए उनके द्वारा सभी सुरक्षात्मक उपाय किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। 17 तारीख तक लगे मुकदमों में पूर्व ही तारीखे प्रदान कर दी गई हैं। अब न्यायालय के समक्ष 17 तारीख के पहले केवल आकस्मिक मुकदमों का दाखिला ऑनलाइन ही किया जा सकता है। उसमें कार्यवाही अदालतों द्वारा की जाएगी। कचहरी खोलने के दौरान केवल जिला जज की अदालत स्पेशल कोर्ट व सी जीएम के अदालत ही शामिल है।

नहीं हो रहे सारे कार्य

निबंधक कार्यालय पिछले काफी दिनों से खुला हुआ है। लेकिन बैनामा की कार्रवाई बिल्कुल शून्य है। अभी सरकार द्वारा कार्यदाई संस्थाओं के माध्यम से निर्माण कार्य हेतु निविदाओं का प्रकाशन समाचार पत्रों में कर दिया जा रहा है। टेंडर डालने की तारीखें निकट इन टेंडरों में शपथ पत्र भी बड़े पैमाने पर लगाए जाते हैं। लेकिन स्थानीय स्तर पर ना तो इस टाइम टाइपिस्ट ना कंप्यूटर टाइप और ना ही नोटरी अधिवक्ताओं को कचहरी परिसर में कार्य करने की अनुमति प्रदान की गई। जिससे इन सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।

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11 टेंडर विभाग को कई बार समाचार पत्रों में प्रकाशित कराना पड़ रहा है। जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। इन सब परिस्थितियों में सभी पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। जबकि बैंक अन्य कार्यालय विकास भवन सहित खुले हुए हैं। जहां पर कार्य किए जाने हैं। वहां भी शपथ पत्रों की आवश्यकता पड़ती लेकिन व्यवस्था ना होने के कारण सारे काम अधर में लटके हुए हैं।

नाथ बख्श सिंह



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Aradhya Tripathi

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