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मुख्यमंत्री के आदेश की उड़ीं धज्जियां: लॉकडाउन में दाने-दाने को तरस रहा एक परिवार
हमने ग्राम प्रधान ममता देवी व उनके पति विक्रम से भी संपर्क किया और गरीबों को मिलने वाले अनाज को दिलवाए जाने की गुहार लगाई। किंतु उन्होंने कह दिया कि तुम्हारे पास न तो राशन कार्ड है और न ही जॉब कार्ड इसलिए तुम्हें कोई राशन नहीं मिलेगा, पहले राशन कार्ड बनवाओ उसके बाद राशन मिलेगा।
एटा: जहां पूरे देश में लॉकडाउन के चलते गरीब व मध्यम वर्गीय लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। ऐसा ही एटा जनपद के थाना कोतवाली नगर क्षेत्र के ग्राम वनगांव में रामदास डागा अपने 13 लोगों के परिवार के साथ रहता है। उसके समेत उसके परिवार के सदस्य मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते थे।
भुखमरी के कगार पर पहुंचा परिवार
लाॅकडाउन के चलते घरों से निकलने की रोक से पैदा हुई बेरोजगारी के चलते उनके परिवार को भोजन भी नसीब नहीं हो पा रहा है।
भुखमरी के कगार पर पहुंचे परिवार की मुखिया 60 वर्षीय स्नेह लता ने बताया कि में अपने परिवार के 13 सदस्यों के साथ वनगांव में रहती हूँ। हमारे पति इलेक्ट्रॉनिक की दुकान पर काम करते हैं।
मेरे दो पुत्र धीरज व धर्मदास मजदूरी करते हैं तथा मेरा तीसरा पुत्र विजय बहादुर ड्राइवरी करता है। कोरोना के चलते पूरे देश में लाॅकडाउन लगा हुआ है। घरों से निकलना बंद है सभी काम धंधे भी पूर्णत :बंद है। अभी तक हमारे पास जो पैसा तथा राशन था। वह हमने लाॅकडाउन के दौरान समाप्त कर लिया।
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प्रशासनिक लापरवाही के चलते जरूरत मन्दों को नहीं मिल पा रहा भोजन
हमारा घरों में रखा सामान व अनाज भी समाप्त हो गया तथा बेरोजगारी के चलते हमारे पास मौजूद पैसा भी अबतक हम खाने पीने की वस्तुओं को खरीदने में भी खर्च कर चुके हैं। अब हम सामान कैसे खरीदें पैसा न होने के कारण हमारा परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। हमें व हमारे छोटे-छोटे बच्चों को भी खाना नसीब नहीं हो पा रहा है।अभी हम आसपास के लोगों से मांग कर थोड़ा बहुत खाना खा लेते हैं।
प्रधान बोली राशन कार्ड न होने के कारण नहीं मिलेगा राशन
हमने ग्राम प्रधान ममता देवी व उनके पति विक्रम से भी संपर्क किया और गरीबों को मिलने वाले अनाज को दिलवाए जाने की गुहार लगाई।
किंतु उन्होंने कह दिया कि तुम्हारे पास न तो राशन कार्ड है और न ही जॉब कार्ड इसलिए तुम्हें कोई राशन नहीं मिलेगा, पहले राशन कार्ड बनवाओ उसके बाद राशन मिलेगा।
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सोशल मीडिया पर मैसेज भेजकर मांगा भोजन
उसके बाद मेरे पुत्र विजय बहादुर ने बच्चों के भूखे मरने के चलते अन्नदाताओं, समाजसेवियों तथा जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से भी भोजन व्यवस्था करने की मांग करते हुए एक मैसेज वायरल किया। उसके बाद भी हमारी किसी ने नहीं सुनी हम गरीबों को बांटने वाले भोजन व खाद्यान्न के लिए जिला पंचायत स्थित सामुदायिक रसोई पर भी गई पर हमें किसी ने राशन नहीं दिया ।
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मुख्यमंत्री के आदेश को पलीता लगा रहा है एटा प्रशासन
उक्त मैसेज वायरल की जानकारी एसडीएम सदर अब्दुल कलाम को दी गई तो पहले तो उन्होंने मैसेज वायरल के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की। जब उन्हें बताया गया तो उन्होंने क्षेत्रीय लेखपाल प्रवेन्द्र को उनके घर भेज कर जांच कर भोजन व्यवस्था कराने की बात कही गई। किंतु समाचार लिखे जाने तक भूख से तड़प रहे लोगों के घर रोज भूखों को खाना देकर फोटो खिचाने वाले न कोई समाज सेवी पहुंचा और न प्रशासनिक अधिकारी उन्हें इंतजार था किसी अन्य दाता का?
रिपोर्ट- सुनील मिश्रा