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बारिश में ही अचानक मेडिकल कॉलेज पहुंचे डीएम, मचा हड़कंप
यूपी के शाहजहांपुर में अचानक जिलाधिकारी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। उन्हें मेडिकल कॉलेज के अंदर और बाहर गंदगी और खामियां ही खामियां दिखीं। मेडिकल कॉलेज के परिसर में बरसात का पानी भरा हुआ था। साथ ही मेडिकल कॉलेज परिसर में नई बिल्डिंग बनाई गई है।
शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में अचानक जिलाधिकारी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। उन्हें मेडिकल कॉलेज के अंदर और बाहर गंदगी और खामियां ही खामियां दिखीं। मेडिकल कॉलेज के परिसर में बरसात का पानी भरा हुआ था। साथ ही मेडिकल कॉलेज परिसर में नई बिल्डिंग बनाई गई है, लेकिन कई बार डीएम द्वारा उस बिल्डिंग मे काम शुरू करने के निर्देश दिए जाने के बाद भी काम शुरू न होने पर डीएम का पारा हाई हो गया। उन्होंने सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई की स्तुति की है।
जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी लगातार मेडिकल कॉलेज पर नजर बनाएं हुए हैं। यहां जिला अस्पताल को कुछ ही दिन पहले राजकीय मेडिकल कॉलेज की मान्यता दी गई है। उसके बाद से डीएम ने लगातार मेडिकल कॉलेज में छापेमारी और निरिक्षण करना शुरू कर दिया। आज दिन भर बारिश होने के कारण मेडिकल कॉलेज में सबको पता था कि ऐसी बारिश में कोई अधिकारी आने वाला नहीं है, लेकिन क्या पता था कि डीएम साहब आ सकते हैं। अचानक डीएम की गाड़ी की मेडिकल कॉलेज के बाहर रूकी। वहां से मेडिकल कॉलेज के परिसर में आए तो उनको परिसर में गड्ढों में बरसाती पानी भरा मिला। इसके अलावा बेहद गंदगी डीएम को मिली। इस पर उन्होंने नगर आयुक्त और मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को जमकर फटकार लगाई।
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मेडिकल कॉलेज के परिसर मे मैटरनिटी कि नई बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी है। डीएम ने इससे पहले निरिक्षण के दौरान सीएमओ को नई बिल्डिंग शुरू करने के आदेश दिए थे, लेकिन उस बिल्डिंग मे काम शुरू नहीं किया जा सका। साथ ही जब डीएम उस बिल्डिंग के अंदर पहुंचे तो उनको बेहद गंदगी और पानी भरा मिला जिसे देखकर उन्होंने तत्काल सीएमओ के खिलाफ कार्यवाही की संतुति कर दी।
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डीएम अमृत त्रिपाठी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज मे खामियां पाई गई है। यहां ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट के लिए कोई सिस्टम नही बना हुआ है। इसके लिए प्रधानाचार्य को बोला गया है कि जांच करें साथ ही इससे ये भी नही पता चल पाता है किस मरीज को ज्यादा जरूरत है ब्लड की या किस मरीज को कम जरूरत है ब्लड ये पता होना चाहिए। उनका कहना है कि मैटरनिटी बिल्डिंग को शुरू करने के आदेश दिए गए थे। लेकिन अभी तक नही शुरू किया गया था। इसलिए पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।