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यूपी के इन पांच चिकित्सा महाविद्यालयों में शुरू होंगे डीएनबी पाठ्यक्रम
देश सरकार ने राज्य के इसी साल शुरू किये गये पांच स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में उपचार के बेहतर प्रबन्ध, शैक्षणिक गतिविधियों को शीघ्र बढ़ाने, एमबीबीएस पाठ्यक्रम के साथ-साथ पांच-छह विषयों में डीएनबी कोर्स प्रारम्भ करने का निर्णय लिया है।
लखनऊ: प्रदेश सरकार ने राज्य के इसी साल शुरू किये गये पांच स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में उपचार के बेहतर प्रबन्ध, शैक्षणिक गतिविधियों को शीघ्र बढ़ाने, एमबीबीएस पाठ्यक्रम के साथ-साथ पांच-छह विषयों में डीएनबी कोर्स प्रारम्भ करने का निर्णय लिया है।
प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसका एक प्रस्ताव भी भारत सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा है। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने शुक्रवार को राज्य के पांच स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में पहली बार शुरू होने जा रहे एमबीबीएस सत्र की व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
एक माह में दूसरी काउंसलिंग होगी शुरू
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इस साल अयोध्या, बस्ती, फिरोजाबाद, बहराइच और शाहजहांपुर में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय शुरू किये गये है और इनमे एमबीबीएस में प्रवेश के लिए प्रथम काउंसिलिंग हो चुकी है जबकि एक माह में दूसरी काउंसलिंग भी हो होनी है।
इन महाविद्यालयों में छात्रों के लिए पठन-पाठन की व्यवस्था जैसे हाॅस्टल, मेस, लेक्चर थियेटर और विभागीय प्रयोगशालाओं आदि की स्थापना के पूर्ण होने की समीक्षा की गयी।
समीक्षा बैठक के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बताया कि इन स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में लगभग 150 प्रकार के उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं तथा ब्लड बैंक क्रियाशील किये गये हैं।
पीआईसीयू को क्रियाशील करने के निर्देश
इनमें नवजात बच्चों की चिकित्सा के लिए आधुनिक पीडियाट्रिक इन्टेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) को क्रियाशील करने के निर्देश दे दिये गये है।
वर्तमान में शाहजहांपुर और अयोध्या में सिक न्यू बाॅर्न केयर यूनिट ही उपलब्ध है तथा पीडियाट्रिक इन्टेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) के स्थापित होने से नवजात शिशुओं की चिकित्सा में अत्यधिक मदद मिलेगी, जिसे स्थापित करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिये गये हैं।
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आशुतोष टंडन ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को रोगियों की सुविधा के लिए इन सभी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सालयों में रिसेप्शन कॉम्प्लेक्स बनाने के निर्देश दिये हैे, जिनमें लगभग तीन से चार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आना संभावित है।
उन्होंने राजकीय निर्माण निगम को अधूरे कार्य शीघ्र पूर्ण करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने सभी मेडिकल कालेजों के भवन निर्माण का कार्य एलओपी के अनुसार पूर्ण करने के लिए 150 करोड़ रुपये जारी करने के निर्देश दिये।
अवशेष परियोजना के अनुसार समस्त मेडिकल कालेजों का कार्य माह अक्टूबर, 2019 तक पूरा करना सुनिश्चित करने के आदेश अधिकारियों को दिये।
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