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सराहनीय: BHU में चला ‘ऑपरेशन डॉगी’, 10 घंटे बाद बेजुबान को मिली नई जिंदगी
मंगलवार की देर रात बीएचयू के ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी द्वार पर एक कुत्ता गेट के बीच फंस गया। काफी देर तक कुत्ते ने निकलने की कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
वाराणसी: आमतौर पर विवादों में घिरे रहने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। 10 घंटे से अधिक समय तक जिंदगी की जंग जूझ रहे एक बेजुबान की जान बचाने के लिए छात्रों ने पूरी कोशिश की। और आखिरकार उसे बचाने में कामयाबी हासिल की। छात्रों की इस जिंदादिली की चर्चा हर तरफ हो रही है।
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ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी गेट में फंसा कुत्ता
मंगलवार की देर रात बीएचयू के ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी द्वार पर एक कुत्ता गेट के बीच फंस गया। काफी देर तक कुत्ते ने निकलने की कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली। ये देख वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी कुत्ते को बचाने के लिए आगे आएं। सुरक्षाकर्मियों ने सभी तरकीब लगा ली लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बाद जैसे-तैसे रात गुजरी।
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बीएचयू के कर्मचारियों ने नहीं की मदद
घटना की सूचना बीएचयू कंट्रोल रुम को दी गई। इसके बाद चीफ प्रॉक्टर मौके पर पहुंचे। लेकिन बगैर किसी आश्वासन के वापस चल दिए। हालांकि इसी बीच बीएचयू के कुछ छात्र और स्वयंसेवी संस्था अपना घर के सदस्य भी जुट गए। बताया जाता है कि छात्रों ने गैस कटर मंगवाया, इसके बाद गेट को काटकर कुत्ते को आजाद कराया गया। विश्वविद्यालय के छात्रों की जीव सेवा और उसकी रक्षा के इस भाव की खासी चर्चा है।
रिपोर्ट: आशुतोष सिंह
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