बाबा साहेब की याद: हमीरपुर में ऐसे मनाया गया अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस

मुख्य अतिथि फ्रैंक हुजूर, अंतराष्ट्रीय लेखक एवम प्रधान संपादक सोसलिस्ट फेक्टर ने 64 वां डॉ भीमराव अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर कहा कि शिक्षित बनो शिक्षा अमूल्य है। हमें पीड़ित दलित पिछड़ा किसान का इस सरकार का काले कानून के जरिये शोषण किया जा रहा है।

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Published on: 6 Dec 2020 1:11 PM GMT
बाबा साहेब की याद: हमीरपुर में ऐसे मनाया गया अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस
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हमीरपुर: मनाया गया डॉ भीमराव अंबेडकर 64 वां महापरिनिर्वाण दिवस, मौजूद हुए ये लोग (PC: social media)

हमीरपुर: डॉ भीमराव अंबेडकर 64 वां महापरिनिर्वाण दिवस पर मैत्री बुध विहार सरीला में बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर माताओ ओर बहिनो ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। मैत्री बुद्ध विहार सरीला में 64 वा परिनिर्वाण दिवस समारोह बुन्देलखण्ड विकास समिति के तत्वाधान में आयोजित किया। कार्यक्रम के मुख्य अथिति, प्रशांत कुमार व फ्रेंक हुजूर रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ भीमराव अम्बेड़कर, स्वामी ब्रम्हांन्द,बुद्ध प्रतिमा में माल्यार्पण कर किया गया।

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हमें पीड़ित दलित पिछड़ा किसान का इस सरकार का काले कानून के जरिये शोषण किया जा रहा है

मुख्य अतिथि फ्रैंक हुजूर, अंतराष्ट्रीय लेखक एवम प्रधान संपादक सोसलिस्ट फेक्टर ने 64 वां डॉ भीमराव अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर कहा कि शिक्षित बनो शिक्षा अमूल्य है। हमें पीड़ित दलित पिछड़ा किसान का इस सरकार का काले कानून के जरिये शोषण किया जा रहा है। बहु संख्यक आवादी अम्बेडकर जी के द्वारा शिक्षा दीक्षा मार्ग दर्शन का कार्य करती है। उनकी जो विरासत है।आधिकारिक न्याय की विरासत को लेकर सदैव लड़ते रहेंगे।

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शिशिष्ट अतिथिति प्रशांत कुमार दर्शनशास्त्र पीएचडी जेएनयू ने कहा कि जिस संविधान को सत्ताधारी तोड़ना चाहते है।बहुजन के अधिकारों को छिन्नना चाहते है। जेएनयू अंबेडकर के भारत का जीता जागता उद्धरण है। बहुजन को शिक्षा,सम्मान दिलाने का पहला श्रेय अम्बेडकर को जाता है। अगर अंबेडकर को होते तो किसानों के साथ खड़े होने वाले व्यक्ति होते,धर्म को त्यागकर धम्म का ज्ञान देने के लिये अंबेडकर को पूरे भारत वासी ऋणी है। तर्क और न्याय पर भारत का विकास होना चाहिये।फारूक आलम,पीएचडी रुषि भाषा जेएन यू,कहा कि जनके द्वारा दिये गए नॉलेज है।

उनके विचारों का अनुसरण करें

किसी भी पर्सनाल्टी डॉ भीमराव अंबेडकर, प. जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी जब भी आप पुन्य तिथि मनाये इसका मतलब कतई नही की आप माला मिठाई बाटना है। ये हसि की उनके द्वारा समाज के लिये समाजिक, आर्थिक व्यवस्था के लिये जो भी स्टेप उठाये गए है उस चीज को समझे। बल्कि उनके विचारों का अनुसरण करें।

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सहित सभी ने अपने अपने अपने विचार व्यक्त किये जिनमे यतेंद्र प्रताप सिंह,पीएचडी पर्यावरण विज्ञान,जेएन यू,रेखा आर्या,एम एल आर्या,संघमित्रा गौतम,रेखा चौधरी,अखलेश गौतम,राजकुमारी कौशल, शेलेन्द्र आर्या, पवन गुप्ता,भारतीय समन्वय संगठन(लक्ष्य) पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी ,पुष्पेंद्र यादव ममना,पूर्व विधायक डॉ अम्बरेश कुमारी, कामता राजपूत जिलाध्यक्ष लोहिया वाहिनी,इ0 प्रशन्न भूषण समाजसेवी, निरंजन राजपूत,महेंद्र पाल सिंह लोधी,धीरेंद्र यादव, आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।संचालन डॉ दिनेश सिंह ने किया।सभी सम्मानित गणमान्य नागरिकों समिति द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

रिपोर्ट- रविंद्र सिंह

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