TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

सांस्कृतिक महफिलों के 'नवाब' डॉ.रजनीकांत श्रीवास्तव नहीं रहे, दिल्ली में ली अंतिम सांस

वरिष्ठ चिकित्सक पिछले महीने कोरोना से संक्रमित होने के बाद दिल्ली के निजी अस्पताल में भर्ती हुए थे। धीरे-धीरे उनकी स्थिति बिगड़ गई और सोमवार की सुबह उनका निधन हो गया।

Newstrack
Published on: 19 Oct 2020 11:01 AM IST
सांस्कृतिक महफिलों के नवाब डॉ.रजनीकांत श्रीवास्तव नहीं रहे, दिल्ली में ली अंतिम सांस
X
सांस्कृतिक महफिलों के 'नवाब' डॉ.रजनीकांत श्रीवास्तव नहीं रहे, दिल्ली में ली अंतिम सांस (Photo by social media)

गोरखपुर: गोरखपुर के वरिष्ठ चिकित्सक और संस्कृति प्रेमी डॉ.रजनीकांत श्रीवास्तव का सोमवार को तड़के दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। सांस्कृतिक महफिलों के नवाब के रूप में पहचान रखने वाले डॉक्टर रजनीकांत पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण से जूझ रहे थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही चिकित्सा जगत के साथ साहित्य प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई है।

ये भी पढ़ें:समुंद्र में अनुष्का विराट: रोमांस हुआ तस्वीरों में कैप्चर, फैंस ने दिया ऐसा रिएक्शन…

कोरोना से संक्रमित होने के बाद दिल्ली के निजी अस्पताल में भर्ती हुए थे

वरिष्ठ चिकित्सक पिछले महीने कोरोना से संक्रमित होने के बाद दिल्ली के निजी अस्पताल में भर्ती हुए थे। धीरे-धीरे उनकी स्थिति बिगड़ गई और सोमवार की सुबह उनका निधन हो गया। उनके निधन की सूचना पर पुर्दिलपुर स्थित आवास पर शुभचिंतकों की भीड़ लग गई। निधन की सूचना के साथ ही लोग वरिष्ठ चिकित्सक से जुड़ी अपनी यादों को सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं।

प्रो.हर्ष कुमार सिन्हा ने फेसबुक पर लिखा

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में रक्षा अध्ययन विभाग के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार प्रो.हर्ष कुमार सिन्हा ने फेसबुक पर लिखा कि 'अब गोरखपुर में कोई अहमद हुसैन- मुहम्मद हुसैन , कोई वसीम बरेलवी, कोई कुमार विश्वास, कोई मनोज मुन्तशिर, कोई अखिलेश मिश्र, कोई कुंवर बेचैन नहीं आएगा। गोरखपुर लिटरेरी फेस्टिवल का पर्दा गिर चुका है। हमारा अपना आरके स्टूडियो बन्द हो गया है। हर दिल अज़ीज, साहित्य संस्कृति और कला के लिए निस्वार्थ भाव से मंच सजाते बनाते हुए सबको जोड़कर काफिले खड़े करने वाला शख्स नहीं रहा। कितने वादे कर गए थे आप। अब बताइये क्या करूँ? मुझे छोड़िए, उन सैकड़ों लोगों के बारे में तो सोच लिया होता जिनकी मुस्कुराहट आपके दम पर थी। अब वो क्या करें? लिखना, बोलना, सांस ले पाना सब मुश्किल हो रहा है। क्या-क्या याद करूँ?'

सामाजिक कार्यकर्ता नरेन्द्र मिश्रा ने फेसबुक पर लिखा

सामाजिक कार्यकर्ता नरेन्द्र मिश्रा ने फेसबुक पर लिखा कि 'अलविदा डॉ रजनीकांत। आंखें नम हैं। दिमाग काम नहीं कर रहा। मेरे घर के ठीक सामने आपका घर कई बार झांक चुका हूं। सब सूना है। हरदिल अज़ीज़ और सभी के लिए मदद को हमेशा तत्पर , एक बेहतरीन इंसान डॉ. नवाब आप हमेशा याद आएंगे।गोरखपुर लिटररी फेस्ट और शहर के सभी सांस्कृतिक आयोजनों की जान थे आप।'

ये भी पढ़ें:भौकाली पाकिस्तानी दामाद: अब हंस रही पूरी दुनिया, दरवाजा तोड़ ले गई पुलिस

पूर्व पार्षद मनोज सिंह ने कहा

पूर्व पार्षद मनोज सिंह ने कहा कि हरदिल अजीज इंसान हमारे बीच में नहीं रहा। डॉक्टर के करीबी और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.संजय श्रीवास्तव कहते हैं कि डॉ.रजनीकांत की तबीयत हाल के दिनों में अधिक बिगड़ने लगी। वाट्सएप खोलते हुए डर लगता था, कहीं बुरी खबर न मिले। आखिर उस मनहूस सूचना से साक्षात्कार हो ही गया।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story