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चिकित्सकों से दुर्व्यवहार: प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने जाहिर की नाराजगी, लिखा पत्र
डा. वैश्य ने कहा है कि कोरोना महामारी के इलाज में लगे कई चिकित्सक भी इससे संक्रमित हो रहे है, ऐसे में कोरोना संक्रमित होने वाले चिकित्सकों के इलाज के लिए अलग से व्यवस्था की जाए, जिससे उनमें वायरल लोड न बढे़।
लखनऊ: यूपी की 23 करोड़ की आबादी के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए करीब 3000 विशेषज्ञ तथा लगभग 8000 MBBS चिकित्सक ही उपलब्ध है। जबकि इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मुताबिक यूपी में करीब 33000 विशेषज्ञों और 14000 MBBS चिकित्सकों की आवश्यकता है। यह तथ्य प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने सभी कमिश्नरों, जिलाधिकारियों, सीएमओ तथा अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को चिकित्सकों के साथ हो रहे दुव्र्यवहार और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं तथा विभागीय कोआर्डिनेशन के संबंध में भेजे गए पत्र में दिए है।
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प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ. सचिन वैश्य ने पत्र में कहा
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ. सचिन वैश्य ने पत्र में कहा है कि चिकित्सकों के साथ ही अन्य चिकित्साकर्मियों और पैरा स्टाफ की भी संख्या सीमित है। ऐसे में कोरोना संकट के समय इस कमी से चिकित्सकों पर कार्य का अत्याधिक दबाव है। लेकिन चिकित्सक सभी चिकित्सकीय व सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों को भी पूरा कर रहे है। लेकिन कई जिलों से प्रशासनिक दुर्व्यवहार, असंसदीय भाषा के के प्रयोग तथा अनावश्यक प्रशासनिक कार्यवाही करने की उद्घोषणा करने की सूचनाएं प्राप्त हो रही है, जिससे चिकित्सकों का मनोबल टूट रहा है।
डॉक्टरों को नहीं मिल रहा सही खाना
उन्होंने यही भी लिखा है कि कई जिलों में कोविड अस्पतालों में काम कर रहे चिकित्सकों को संतुलित भोजन तथा रहने के लिए स्तरीय व्यवस्था भी नहीं दी जा रही है। डा. वैश्य ने कहा है कि कोरोना महामारी के इलाज में लगे कई चिकित्सक भी इससे संक्रमित हो रहे है, ऐसे में कोरोना संक्रमित होने वाले चिकित्सकों के इलाज के लिए अलग से व्यवस्था की जाए, जिससे उनमें वायरल लोड न बढे़।
अनलॉक प्रक्रिया शुरू होते ही किया जाए ये काम
उन्होंने कहा है कि अनलॉक प्रक्रिया शुरू होते ही सभी अस्पतालों और चिकित्सा इकाइयों में बिना मास्क तथा बिना शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने वालों की भीड़ को नियंत्रित तथा उनसे नियमों का पालन करवाने के लिए आवश्यक संख्या में पुलिसकर्मियों व अन्य सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाए।
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पीएमएस अध्यक्ष ने कहा कि चिकित्सकों पर कार्यदबाव बहुत ज्यादा है इसलिए मरीजों के भोजन की व्यवस्था, मरीजों को एम्बुलेंस से भेजना, मानीटरिंग तथा सूचनाओं का संकलन व उसे उच्च स्तर पर भेजने जैसे कार्यो को अन्य विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को दी जा सकती है। इससे चिकित्सकों पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सकेगा।
मनीष श्रीवास्तव
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