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मुहर्रम की टूटी परंपरा: 700 साल से बचा कर रखी थी, अब नहीं मनाया जा रहा पर्व

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उ0प्र0 के डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी के नई गाईडलाईन के मद्देनजर इस बार पहली दफा भदोही जिले के लगभग सभी प्रमुख बाजारों व ग्रामीण मुस्लिम ईलाकों में मुसलमानों के शुरुआती नये वर्ष की नौवीं तारीख पर आज शनीवार को मुहर्रम पर्व नहीं मनाया गया।

Newstrack
Published on: 29 Aug 2020 12:21 PM GMT
मुहर्रम की टूटी परंपरा: 700 साल से बचा कर रखी थी, अब नहीं मनाया जा रहा पर्व
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कोरोना की वजह से नहीं मनाया जा रहा मुहर्रम (file photo)

ज्ञानपुर (भदोही): कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उ0प्र0 के डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी के नई गाईडलाईन के मद्देनजर इस बार पहली दफा भदोही जिले के लगभग सभी प्रमुख बाजारों व ग्रामीण मुस्लिम ईलाकों में मुसलमानों के शुरुआती नये वर्ष की नौवीं तारीख पर आज शनीवार को मुहर्रम पर्व नहीं मनाया गया।

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moharram (bhadohi) कोरोना की वजह से नहीं मनाया जा रहा मुहर्रम (file photo)

कोरोना संक्रमण के चलते समूचे जनपद में कहीं भी नहीं मनाया गया मुहर्रम

नवासा-ए- रसूल इमाम हुसैन की याद में मनाया जाने वाला मुहर्रम पर्व कोरोना संक्रमण के चलते समूचे जनपद में कहीं भी नहीं मनाया गया। मुस्लिमों के धर्मगुरुओं के निर्देशानुसार शासनादेश की गाइडलाइन के मुताबिक पूरे जिले में न तो कहीं इमामचौंकों पर ताजिये रखे गए, नहीं कोरोनावायरस फैलने से रोकने के लिए शस्त्र प्रदर्शन ही किए गए। लोगों ने कहा कि किसी भी स्थानों पर ढोल नगाड़े भी नहीं बजाए गए। लेकिन परम्परा का मामूली निर्वहन कर किसी-किसी स्थानों पर इमाम चौकों पर लोगों को फातिहा पढ़ते देखा गया ।

आजादी के समय वर्ष 1947 के बंटवारे में भी ताजियों और जुलूस पर कोई पाबन्दी नहीं थी

बताया जाता है कि आजादी के समय वर्ष 1947 के बंटवारे में भी ताजियों और जुलूस पर कोई पाबन्दी नहीं थी। ज्ञानपुर नगर के पुरानी बाजार में चली आ रही परंपरा के अनुसार काशी नरेश की ओर से बिठाए जाने वाले ताजियों को भी इस वर्ष इमाम चौक पर नहीं रखा गया। न ही पुरानी बाजार व अन्य मुस्लिम बस्तियों से निकलने वाले अलमदार अखाड़े में शस्त्र प्रदर्शन ही किए गये । बताते चलें कि जहां मुहर्रम के पहली चांद से ही इमामचौकों पर ताजिया बिठाने की तैयारियों के साथ-साथ शहादत नामा पढ़ने, मोहर्रमी ढोल ताशे की आवाज, और मरशिया पढ़कर सिरनी तक्सीम की रस्म जो पहले अदा होती थी। इस बार नाममात्र की गई।

ज्ञानपुर नगर के पुरानी बाजार, कुवरगंज, बालीपुर, तहसील रोड ,ज्ञानपुर देहात व पटेल नगर में जहां इमाम चौक पर सन्नाटा छाया रहा। वहीं गोपीगंज बाजार में शासनादेश का अनुपालन करते हुए किसी भी स्थान पर ताजिए नहीं बैठाए गए।यहां तक कि शस्त्र प्रदर्शन करने वाले अखाड़े "धूम खां अखाड़ा" व " सलामत खां अखाड़ा" की ओर से कोई भी कार्यक्रम किया गया ।

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moharram (bhadohi) कोरोना की वजह से नहीं मनाया जा रहा मुहर्रम (file photo)

भदोही के इन इलाकों में बड़ी ताजिया निकाली जाती है

इसी प्रकार भदोही के बड़ी ताजिया, दरोपुर ,मोहल्ला नई बस्ती, जल्लापुर, जोगीपुर, हिम्मतपुराबकुचिया, शाह दरगाह पश्चिम मोहल्ला ,आदि जगहों पर चौक पर ताजिए नहीं बिठाए गए। हां इतना जरूर रहा की दूरियां बनाकर कहीं-कहीं लोग इमाम चौक पर सिर्फ नोहे प़ढ़ते व दूरियां बनाकर फातिहा पढ़ते जाकर लोग नजर आए।

उमेश सिंह, भदोही

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