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इसकी गलती भुगत रहा देश! इसी शख्स की वजह से सीक्रेट रखा जाता है बजट को
मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट 1 फरवरी 2020 को पेश करेगी। बजट पेश करने से पहले कई बातों का ध्यान रखा जाता है, खासकर इसकी गोपनीयता को लेकर कई बातें सामने आती है, तो आइए हम आपको बताते हैं...
नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र आज से शुरु हो रहा है। बजट सत्र आज से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान एक फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश किया जायेगा। बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक और दूसरा चरण दो मार्च से तीन अप्रैल तक चलेगा।
मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट 1 फरवरी 2020 को पेश करेगी। बजट पेश करने से पहले कई बातों का ध्यान रखा जाता है, खासकर इसकी गोपनीयता को लेकर कई बातें सामने आती है, तो आइए हम आपको बताते हैं...
मोदी सरकार द्वारा आम बजट शुरू होगा 1 फरवरी-
क्या आपको मालूम है कि बजट में इतनी गोपनीयता क्यों बरती जाती है। नहीं तो आइए हम आपको बताते हैं। दरअसल, एक शख्स की गलती के चलते यह सबकुछ हुआ और इसकी वजह से ब्रिटेन के लेबर चांसलर को अपनी कुर्सी भी गंवानी पड़ी थी। दरअसल बजट को गुप्त रखने की शुरुआत भारत से नहीं बल्कि ब्रिटेन से हुई थी। 1947 में ब्रिटेन की संसद में बजट पेश किया जाना था।
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लेबर चांसलर एडवर्ड डेल्टन बजट पेश करने की तैयारियों में जुटे-
तत्कालीन लेबर चांसलर एडवर्ड डेल्टन बजट पेश करने की तैयारियों में जुटे हुए थे। इसी दौरान उनसे मिलने एक पत्रकार आया और उसने अनौपचारिक बातचीत में उनसे बजट में टैक्स प्रस्ताव के बारे में पूछ लिया। लेबर चांसलर ने उस पत्रकार को इस संबंधी सारी जानकारी दे दी। बजट अगले ही दिन 11 बजे पेश होना था लेकिन उससे पहले ही एक इविनंग न्यूजपेपर में टैक्स प्रस्ताव की खबर लीक हो गई।
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खबर छपते ही ब्रिटेन सरकार में हड़कंप मच गया। डेल्टन को अपनी गलती का एहससा हुआ कि उन्होंने सरकार की गोपनीयता को भंग किया है और उन्होंने अपना इस्तीफा ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली को सौंप दिया। हालांकि उनके इस्तीफे को सरकार ने तत्काल स्वीकार नहीं किया था। विपक्षी नेता विंस्टन चर्चिल भी डेल्टन के बचाव में आए लेकिन उन्होंने अपना इस्तीफा वापिस नहीं लिया।
भारत में भी बजट को गोपनीय रखने के लिए पुख्ता इंतजाम-
आखिर में पीएम को उनका इस्तीफा स्वीकार करना पड़ा। उसके बाद से बजट को सीक्रेट रखने का पुख्ता इंतजाम किए गए। संसद में पेश होने के बाद ही बजट की जानकारी सार्जनिक होती है। हालांकि मीडिया अपने स्तर पर कयास जरूर लगाती रहती है। भारत में भी बजट को गोपनीय रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं।
बजट बनने तथा छपने के दौरान वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी, विशेषज्ञ, स्टेनोग्राफर्स, प्रिंटिंग टेक्निशियन तथा अन्य कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक में एक तरह से कैद रहते हैं। यानी कि आखिरी के सात दिनों तक वे दुनिया से एकदम अलग हो जाते हैं। किसी विशेष आपातकालीन स्थिति में ही वे अपने परिवार से बात कर सकते हैं, लेकिन उनसे सीधे-सीधे बात नहीं कर सकते। उन्हें तब तक छुट्टी नहीं दी जाती जब तक वित्त मंत्री सदन में बजट पेश नहीं कर देते।