TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

कोरोना संकट में भी गरीबों की मदद के लिए आगे नहीं आया IMA, ऐसा रहा बर्ताव

कोविड 19 के संक्रमण काल में गरीबों की मदत एवं पीड़ितों की सहायता के लिए आज जहां समाज का हर तबका अपनी हैसियत के हिसाब से केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के आपदा राहत कोष सहित जिला प्रशासन को आर्थिक सहायता राशि प्रदान किया है। वहीं...

Ashiki
Published on: 28 May 2020 8:48 PM IST
कोरोना संकट में भी गरीबों की मदद के लिए आगे नहीं आया IMA, ऐसा रहा बर्ताव
X

जौनपुर: कोविड 19 के संक्रमण काल में गरीबों की मदत एवं पीड़ितों की सहायता के लिए आज जहां समाज का हर तबका अपनी हैसियत के हिसाब से केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के आपदा राहत कोष सहित जिला प्रशासन को आर्थिक सहायता राशि प्रदान किया है। वहीं पर जनपद जौनपुर में प्राईवेट अस्पताल चलाने वाले चिकित्सक जो आई एम ए के सदस्य भी है और संगठनात्मक शक्ति के दम पर आम जन मानस के उपचार के नाम पर रोज अच्छा खासा धनोपार्जन भी करते हुए माला माल भी है।

ये भी पढ़ें: कर्नाटक में No Entry: इन पांच राज्यों से आने वाली फ्लाइट-ट्रेन और वाहनों पर रोक

इनके द्वारा इस संकट की घड़ी में गरीबों पीडितो के दुःख में सहायतार्थ एक रूपये का आर्थिक सहयोग नहीं किया जाना अब जिले में चर्चा का बिषय बन गया है। बात छेड़ते ही जिले का प्रबुद्ध वर्ग चिकित्सकोंकी आलोचना करने से जरा भी संकोच नहीं कर रहा है ।

बता दें कि गरीबों के सहायतार्थ जब भी इस संगठन के जिम्मेदार पदाधिकारियों से बातचीत किया गया तो जबाब मिला कि आई एम ए के तत्वावधान में सभी चिकित्सकों से धन इकठ्ठा किया जा रहा है एक बड़ा लक्ष्य बताया कि जिला प्रशासन को स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने के लिए धनराशि दिये जाने की तैयारी है। लेकिन लगभग एक माह से अधिक समय बीत गया आई एम ए द्वारा एक रूपये की सहायता राशि किसी भी स्तर देय नहीं हो सकी है।

ये भी पढ़ें: अरबपति हैं इस बैंक के कर्मचारी: नौकरी कर हुए मालामाल, सैलरी जान उड़ जाएंगे होश

जबकि जिला प्रशासन के स्तर से कोरोना संक्रमण काल में तमाम प्राईवेट अस्पतालों को खोलने की स्वीकृति प्रदान कर इनके धनोपार्जन का भी रास्ता साफ भी किया गया है ।

अब आई एम ए के जिला महामंत्री डॉ जाफरी ने एक वार्ता के दौरान एक नयी प्लान सहायता के बाबत बताया है। उनका कथन है कि संगठन ने आर्थिक पैकेज के सहयोग से परहेज कर लिया है अब जिला प्रशासन द्वारा बनाये गये अस्थाई अस्पतालों में चिकित्सको को पी पी किट एवं मीडिया के लोगों को 95 मास्क दिये जाने पर संगठन विचार कर रहा है। आई एम ए के जिला महामंत्री के अनुसार यह भी अभी विचारणीय है पूरी तरह से तय नहीं है कि संगठन सहायता करेगा ही।

ये भी पढ़ें: शिक्षिका ने अधिकारियों को भेंट किए कोरोना पोस्टर, वायरस से बचाव के बताए उपाय

जो भी हो लेकिन जनपद में इस बात की चर्चा है कि उपचार के नाम पर आम जनता का शोषण कर दिन दूना रात चौगुना माला माल होने वाले चिकित्सक समाज के लोग गरीबों पीड़ितों की सहायता के लिए आगे नहीं आ सके है। जबकि सच यह है कि उन्ही गरीबों की बदौलत चिकित्सक ऐसो आराम का जीवन जी रहे है।

जिला प्रशासन को ऐसे संगठन के लोगों को नियमों को धता बताकर मानक के विपरीत नर्सिंग होम चला रहे है जांच कराके ऐसे सभी के विरुद्ध विधिक कार्यवाही करने की जरूरत है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शक्ती से काम करने के बजाय अपनी जेब भरने में मशगूल रहते है इस तरह भ्रष्ट सरकारी तंत्र के चलते प्राईवेट चिकित्सको के पव बारह रहते है।

रिपोर्ट: कपिल देव मौर्य

ये भी पढ़ें: अखिलेश का BJP पर हमला, कहा- कोरोना संकट में भी कर रही ऐसा काम



\
Ashiki

Ashiki

Next Story