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शिक्षिका का सराहनीय कार्य: कोरोना संकट में 22 गांवों के बच्चों को दी शिक्षा

बाराबंकी जनपद की हैदरगढ़ तहसील की भियामऊ गाँव के प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका शिवानी सिंह की जिसने बच्चों की बाधित हो रही शिक्षा की भरपाई करने का बीड़ा उठा रखा है

Newstrack
Published on: 1 Nov 2020 10:51 AM IST
शिक्षिका का सराहनीय कार्य: कोरोना संकट में 22 गांवों के बच्चों को दी शिक्षा
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शिक्षिका का सराहनीय कार्य: कोरोना संकट में 22 गांवों के बच्चों को दी शिक्षा (Photo by social media)

बाराबंकी: प्राथमिक हो या माध्यमिक विद्यालय यहाँ के शिक्षक सिर्फ सरकार से मोटी पगार लेने को आतुर रहते हैं पढ़ाने के नाम पर यह बगलें झाँक लेते हैं आमतौर पर यही धरना लगभग सभी के मन में होती है मगर बाराबंकी में एक शिक्षिका ऐसी भी है जिसके काम को देखकर लोग अपनी धरना बदल लेंगे |

कोरोना की महामारी में जहाँ सारसरकारी अध्यापक लॉक डाउन का बहाना बना कर घर पर आराम कर रहे थे वहीं यह शिक्षिका उन बच्चों के लिए परेशान थी जिनकी शिक्षा बाधित हो रही थी | इस शिक्षिका ने अपने दायरे से बाहर जाकर 22 गाँवों तक अपनी पहुँच बनायीं और पढ़े लिखे बच्चों और महिलाओं को तैयार कर अपनी मुहीम से जोड़ा और आज यह 1300 बच्चों को एक कॉन्वेंट से बेहतर शिक्षा दे रही हैं |

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मामला बाराबंकी जनपद की हैदरगढ़ तहसील की भियामऊ गाँव का है

हम बात कर रहे हैं बाराबंकी जनपद की हैदरगढ़ तहसील की भियामऊ गाँव के प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका शिवानी सिंह की जिसने बच्चों की बाधित हो रही शिक्षा की भरपाई करने का बीड़ा उठा रखा है | शिवानी सिंह की यह शिक्षा किसी कान्वेंट स्कूल से कम नहीं है बल्कि उससे भी बेहतर है क्योंकि वहां सिर्फ हिंदी के साथ अंग्रेजी भाषा की ही शिक्षा दी जाती है मगर शिवानी सिंह केव स्कूल में हिन्दी के साथ - साथ दुनिया भर में काम करने वाली अँग्रेजी और स्पैनिश भाषा का ज्ञान भी दिया जाता है |

barabanki-matter barabanki-matter (Photo by social media)

तस्वीरों में हम देख सकते हैं कि कैसे गाँव के बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी और स्पैनिश भाषा का प्रयोग कर रहे हैं | इसके लिए शिवानी सिंह ने पहले गाँव के बच्चों पढ़े लिखे बच्चों और महिलाओं को प्रेरित भी किया और शिक्षा की ट्रेनिंग भी दी | आज शिवानी सिंह का दायरा सिर्फ उसका स्कूल ही नहीं बल्कि बढ़कर 22 गाँवों तक पहुँच चूका है और 1300 बच्चों उनके इस प्रयास से लाभान्वित हो रहे हैं | शिवानी 22 गाँवों तक खुद पहुँचती है और पढ़ाई देखती भी है |

काम में शिवानी सिंह की मुहिम का हिस्सा बनी पूर्णिमा दिवेदी ने बताया

इस काम में शिवानी सिंह की मुहिम का हिस्सा बनी पूर्णिमा दिवेदी ने बताया कि वह पहले कोचिंग में शिक्षा देने का काम करती थी मगर लॉक डाउन में जब कोचिंग बंद हो तो शिवानी दीदी ने उन्हें प्रेरित किया और वह आज उनके साथ वह निःशुल्क शिक्षा देने का काम कर रही है | उन्हें बच्चों को पढ़ाने में काफी अच्छा लग रहा है वह पढ़ाती तो सिर्फ क्लास 1 से 5 पाँच के बच्चों को है मगर जो भी पढ़ना चाहे वहज आकर पढ़ सकता है |

इसके साथ ही इस काम में शिवानी सिंह का साथ निभा रही महिला अंजू ने बताया उसकी पढ़ाई तो छूट चुकी थी मगर शिवानी सिंह की प्रेरणा से वह बच्चों को फिर से पढ़ाने लगी है जिससे उनके समय का सदुपयोग हो जाता है और यह संतोष भी होता है कि बच्चों की पढ़ाई में रूकावट नहीं है |

barabanki-matter barabanki-matter (Photo by social media)

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शिक्षा की अद्भुत अलख जगाने वाली शिक्षिका शिवानी सिंह ने बताया

शिक्षा की अद्भुत अलख जगाने वाली शिक्षिका शिवानी सिंह ने बताया कि लॉक डाउन में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी और यह बात उनके मन को कचोट रही थी इसके लिए उन्होंने कई डिजिटल उपाय जैसे ऑन लाइन क्लास शुरू की मगर गाँवों में एंड्रॉएड फोन न होना , नेट का धीमा चलना उनकी राह की रूकावट बन गया फिर और तरीके अपनाये मगर वह भी काम नहीं आया |

फिर गाँव के बच्चों को पढ़ना शुरू किया और अपना दायरा बढ़ाते हुए अन्य गाँव के बच्चों तक अपनी पहुँच बनायीं और आज 22 गाँवों तक उनकी यह मुहिम पहुँच चुकी है और 1300 बच्चे इससे लाभान्वित हो रहे हैं | उनकी इस मुहिम गाँव की पढ़ी लिखी लड़कियां , महिलाएं और लड़के उनका साथ दे रहे हैं |

सरफराज वारसी

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