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UP विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे पर जमकर चलाए तीर
विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान आज राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने जहां राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया वहीं सत्ता पक्ष की तरफ से किये जा रहे विकास कार्यों का उल्लेख कर इसका माकूल जवाब दिया गया।
लखनऊ: विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान आज राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने जहां राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया वहीं सत्ता पक्ष की तरफ से किये जा रहे विकास कार्यों का उल्लेख कर इसका माकूल जवाब दिया गया। चर्चा के दौरान कई मौकों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य आपस मे टकराते नज़र आये पर विधानसभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के चलते सदन का माहौल सौहार्दपूर्ण रहा।
राज्यपाल का अभिभाषण जनता को निराश करने वाला
राज्यपाल के अभिभाषण पर संशोधन के पक्ष में बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष रामगोबिन्द चौधरी ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण जनता को निराश करने वाला है। इसमें कोई ठोस कार्ययोजना का उल्लेख नही है। ऐसी कोई योजना नहीं है जिससे जनता को राहत मिलने का काम हुआ हो। सारी योजनाएं पुरानी है।
नेता प्रतिपक्ष रामगोबिन्द चौधरी ने कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार के प्रबन्धन को कुप्रबन्धन बताते हुए कहा कि इस दौरान विपक्ष की अनदेखी की गयी उससे कोई सलाह तक नहीं ली गयी। जबकि इसके पहले जब भी कोई महामारी आई राज्य सरकार ने विपक्ष के साथ सर्वदलीय बैठक के बाद कई फैसले लिए। गांव में जो पैसा भेजा गया वह उन तक नहीं पहुंच पाया। उन्होंने सरकार किसानों की आय दूनी करने की बात करती है जबकि पेट्रोल डीजल के दाम बढते जा रहे हैं। उन्होंने किसान आंदोलन के बारे में कहा कि यह जबरन थोपा गया कानून है। राज्य सरकार इस कानून को वापस लाने का प्रस्ताव लाए विपक्ष उसका समर्थन करेगा।
जनता को उसके हाल पर ही छोड़ दिया गया
बहुजन समाज पार्टी विधानमंडल दल के नेता लाल जी वर्मा ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण जनता के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि लाकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को हुई दिक्कतों को सबने देखा है उसे कितनी दिक्कते हुई। यह राज्य सरकार के कुप्रबन्धन का नतीजा था। जनता को उसके हाल पर ही छोड़ दिया गया। राज्य सरकार के प्रबन्धन के कारण मौतो का संख्या कम नही हुई बल्कि उनकी गांव खेत के लोगों की इम्युनिटी पावर का यह परिणाम रहा। कानून का राज नही कानून का जंगलराज है। कानून का राज इच्छाशक्ति से होता है । कानून का राज पक्षपात पूर्ण नहीं होना चाहिए।
इस सरकार के आने के बाद कानून व्यवस्था ठप हुई है। कानून के राज की जगह एक नई संस्कृति पैदा हुई है। अब बलात्कार के बाद हत्या का नया चलन पैदा हुआ है। नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ो को देखा जाए तो अपराधों की संख्या बढी है। कानून व्यवस्था तब तक नहीं सुधरेगी जब तक अधिकारियों के भरोसे रहेगें। उन्होंने कहा कि गन्ने का 10 हजार करोड रुपए का बकाया है और दावे बडे बडे किए जाते हैं। लालजी वर्मा ने कहा कि सबसे ज्यादा किसानों के बकाया मूल्य भुगतान बसपा सरकार में कराया गया है।
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कुप्रबन्धन के कारण ही इतने लोगों की मौत
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में कोरोना का जिक्र है। इस बारे में मेरा मानना है कि कोरोना यहां आया नही बल्कि लाया गया। हमारे नेता राहुल गांधी ने आगाह भी किया गया लेकिन न तो हवाई सेवाओं पर रोक लगी और न ही और कोई इंतजाम किए गए। कुप्रबन्धन के कारण ही इतने लोगों की मौत हो गयी। इससे बेहतर प्रबन्धन किया जा सकता था पर सरकार के सारे प्रयास निष्फल रहे। उन्होंने किसानों के हितों की अन्देखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केवल भाषण देने से उनका हित नहीं हो सकता है। उधर राज्यपाल के अभिभाषण पर जारी चर्चा में ओमप्रकाश राजभर अनुपमा जायसवाल सुरेंद्र सिंह इरफान फईम भूपेश चौबे आज़ाद अरिमर्दन करण सिंह पटेल और रामफेरन पांडेय ने भी हिस्सा लिया
श्रीधर अग्निहोत्री
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