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चुनाव समीक्षा: सीएम आवास पर पहले हुआ भोज फिर हुई हार पर चर्चा
लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद आज संगठन और सरकार को और बेहतर बनाने को लेकर बैठक हुई जिसमें इस बात पर विचार किया गया कि सरकार अपने कामों से जनता में विश्वास का माहौल पैदा करें। इसके अलावा मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी विचार विमर्श किया गया।
लखनऊ: लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद आज संगठन और सरकार को और बेहतर बनाने को लेकर बैठक हुई जिसमें इस बात पर विचार किया गया कि सरकार अपने कामों से जनता में विश्वास का माहौल पैदा करें। इसके अलावा मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी विचार विमर्श किया गया।
दिन में आज दो राउन्ड में बैठकों का आयोजन किया गया। पहले सुबह मुख्यमंत्री आवास पर जीते भाजपा सांसदों के साथ चुनाव की समीक्षा की गयी। जिसमें योगी आदित्यनाथ के अलावा प्रदेश अध्यक्ष डा महेन्द्र नाथ पाण्डेय के अलावा कई नवनिर्वाचित भाजपा सांसद भी मौजूद थें।
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इनके अलावा बैठक में इस भाजपा प्रदेश पदाधिकारी, क्षेत्रीय अध्यक्ष, क्षेत्रीय संगठन मंत्री और क्षेत्रीय प्रभारी मौजूद रहेंगे। इस दौरान प्रत्येक लोकसभा क्षेत्रवार चुनाव नतीजों पर मंथन किया जाएगा। इस बैठक में पश्चिम, बृज, अवध, कानपुर बुंदेलखंड, गोरखपुर और काशी क्षेत्र के पार्टी अध्यक्ष, क्षेत्रीय प्रभारी, क्षेत्रीय संगठन मंत्री और चुनाव सह प्रभारी भी शामिल हुए।
इससे पहले मुख्यमंत्री आवास पर योगी आदित्यनाथ ने नवनिर्वाचित सांसदों के लिए दोपहर का भोज आयोजित किया। जिसमें भाजपा के प्रदेश प्रभारी जेपी नढढा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय महामंत्री संगठन सुनील बंसल प्रदेश प्रभारी जेपी नड्डा सह.प्रभारी गोवर्धन भाई झड़पिया नरोत्तम मिश्रा दुष्यंत गौतम स्मृति ईरानी संजीव बालियान हरीश द्विवेदी रवि किशन रमापति राम त्रिपाठी कौशल किशोर आदि मौजूद थें।
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भोज के बाद हुई कोर कमेटी की बैठक में प्रदेश मंत्रिमंडल के विस्तार पर भी चर्चा हुई। चर्चा के दौरान इस बात पर चिन्ता व्यक्त की गयी। जिन 16 सीटों पर पार्टी की हार हुई है उसके पीछे क्या कारण है और संगठनिक स्तर पर क्या कमी रह गयी। यह भी हो सकता है कि सरकार की योजना ओं का लाभ उस क्षेत्र में न पहुंचा हो अथवा प्रत्याशी चयन में कोई चूक हो गयी।
इसके अलावा इस बात पर भी चर्चा हुई कि जून के पहले और दूसरे सप्ताह में होने वाले यूपी मंत्रिमंण्डल के विस्तार में मंत्रियांे का कद बढाने अथवा नए मंत्रियों को मौका दिए जाने के लिए क्या पैमान निर्धारित किया जाए। हांलाकि इस मामले पर बहुत ज्यादा चर्चा नहीं हुई लेकिन यह जरूर कहा गया कि जो नए सांसद चुनाव जीतकर आए हैं उन्हे उनके क्षेत्र के विकास के लिए प्रशासनिक स्तर पर किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पडे।