×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

योगी सरकार के इस कदम से यूपी में महंगी होगी बिजली, कर्मचारी खफा

आल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि विगत 01 फरवरी को लोकसभा में रखे गए बजट के दो प्रस्तावों से देश भर के बिजली इंजीनियर और कर्मचारी काफी उद्वेलित हैं। 

Aditya Mishra
Published on: 7 Feb 2020 3:37 PM IST
योगी सरकार के इस कदम से यूपी में महंगी होगी बिजली, कर्मचारी खफा
X

लखनऊ: आल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन की 09 फरवरी को चेन्नई में हो रही राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में बिजली आपूर्ति के निजीकरण और ताप बिजली घरों को बंद करने के बजट प्रस्तावों पर विचार विमर्श के बाद राष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष की रणनीति तय की जायेगी।

आल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि विगत 01 फरवरी को लोकसभा में रखे गए बजट के दो प्रस्तावों से देश भर के बिजली इंजीनियर और कर्मचारी काफी उद्वेलित हैं।

उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावों के विरोध में आगामी 11 फरवरी को सभी प्रांतों की राजधानियों में बिजली कर्मचारी व् अभियंता विरोध प्रदर्शन करेंगे। संघर्ष की अगली रूपरेखा फेडरेशन की चेन्नई मीटिंग में बनाई जायेगी।

ये भी पढ़ें...दुबई में भयानक तूफान, बुर्ज खलीफा पर गिरी बिजली, ऐसा रहा नजारा

प्रीपेड मीटर लगाने से मीटर रीडर और राजस्व वसूली का कार्य समाप्त हो जाएगा

बजट प्रस्ताव में कहा गया है कि अगले तीन साल में सभी घरों में लगे हुए वर्तमान मीटरों को हटाकर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे और बिजली आपूर्ति में उपभोक्ताओं को आपूर्तिकर्ता कंपनी को चुनने का चॉइस दिया जाएगा जिसका साफ़ अर्थ है कि बिजली आपूर्ति कई निजी कंपनियों को सौंपने की तैयारी है।

उन्होंने कहा कि प्रीपेड मीटर लगाने से मीटर रीडर और राजस्व वसूली का कार्य पूरी तरह समाप्त हो जाएगा जिससे कम से कम तीन लाख रोजगार देश भर में बिजली के सेक्टर में कम हो जाएंगे।

इसी प्रकार आपूर्ति निजी घरानों को सौंपे जाने से भी बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार समाप्त होंगे। साथ ही मुनाफे वाले क्षेत्र का निजीकरण होने से वितरण में होने वाली हानि और प्रीपेड मीटर आदि के खर्च की भरपाई आम उपभोक्ता की बिजली दरें बढ़ा कर की जायेगी।

ये भी पढ़ें...इस उद्योग के लिए खुशखबरी: इन्हें सरकार देगी सस्ती बिजली

एक लाख 66 हजार मेगावाट के बिजलीघर हो जायेंगे बंद

उन्होंने कहा कि बजट के दूसरे प्रस्ताव में कहा गया है कि अधिक कार्बन उत्सर्जन करने वाले ताप बिजली घरों को बंद कर दिया जायेगा। यदि ऐसा हुआ तो देश के एक लाख 66 हजार मेगावाट के बिजलीघर बंद हो जायेंगे जिसमें उप्र के लगभग 3000 मेगावाट क्षमता के बिजलीघर होंगे।

लगभग 15000 मेगावाट क्षमता के ताप बिजलीघरों को बंद करने की नोटिस भी दे दी गई है जिसमें उत्तर प्रदेश का हरदुआगंज बिजलीघर भी है। ध्यान रहे इन पुराने बिजलीघरों से सबसे सस्ती बिजली मिलती है।

उप्र. में सबसे सस्ती बिजली देने वाला अनपारा बिजलीघर पूरा बंद हो जायेगा। इन बिजली घरों के बंद होने के बाद वितरण कम्पनियाँ निजी घरानों के बिजलीघरों से महंगी बिजली खरीदने हेतु विवश होंगी जिसकी भरपाई टैरिफ बढाकर की जायेगी।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार बजट के दोनों प्रस्ताव जनविरोधी हैं और बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने वाले हैं जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।

ये भी पढ़ें...कानपुर देहात में आकाशीय बिजली गिरने से किसान की हुई मौत



\
Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story