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बिजलीकर्मियों का हल्लाबोल: निजीकरण के विरोध में करेंगे राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन
इलेक्ट्रिसिटी बिल 2020 व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में कल 18 अगस्त को प्रदेश के समस्त बिजली कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करेंगें।
लखनऊ: इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में कल 18 अगस्त को शाम 4 बजे प्रदेश के समस्त बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर तथा अभियन्ता राजधानी लखनऊ समेत सभी जिला मुख्यालयों व परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन करेंगें।
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निजीकरण के प्रस्ताव पर गहरा आक्रोश
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने सोमवार को बताया कि संघर्ष समिति की बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया और चेतावनी दी गयी कि विरोध प्रदर्शन के बाद भी अगर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव व इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 वापस न लिया गया तो प्रदेश के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियन्ता आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कि यूपी में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव पर कार्य प्रारंभ हो गया है साथ ही केंद्र शासित प्रदेशों विशेषतया चंडीगढ़, पुडुचेरी, अंडमान निकोबार, लद्दाख, जम्मू और कश्मीर में निजीकरण की प्रक्रिया तेजी से चलाई जा रही है। दूसरी ओर उड़ीसा में सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई अंडरटेकिंग को टाटा पावर को हैंडओवर कर दिया गया है और तीन अन्य विद्युत वितरण कंपनियों नेस्को, वेस्को और साउथको के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के दबाव में चल रहे निजी करण के क्रियाकलापों से बिजली कर्मियों और अभियंताओं में भारी गुस्सा व्याप्त है।
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पदाधिकारियों ने आगे बताया कि यह प्रयोग उड़ीसा, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, औरंगाबाद, नागपुर, जलगांव, आगरा, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर आदि कई स्थानों पर पूरी तरह से विफल साबित हुए है। इसके बावजूद इन्हीं विफल प्रयोगों को वित्तीय मदद देने के नाम पर केंद्र सरकार विभिन्न राज्यों में थोप रही है जो एक प्रकार से ब्लैकमेल है।
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