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बजट में समाज कल्याण पर जोर, यहां दिखा सबका साथ सबका विकास

वित्त मंत्री ने बजट में वर्ष 2020-21 के लिए 85,000 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान का प्रस्ताव दिया। बजट प्रस्ताव में श्रीमती सीतारमण ने अनुसूचित जनजातियों के कल्याण तथा विकास के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान 53,700 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव दिया।

राम केवी
Published on: 1 Feb 2020 10:57 AM GMT
बजट में समाज कल्याण पर जोर, यहां दिखा सबका साथ सबका विकास
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लखनऊ।बजट में समाज कल्याण पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने अनुसूचित जातियों एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के आलोक में वर्ष 2020-21 के लिए 85,000 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान का प्रस्ताव दिया। बजट प्रस्ताव में श्रीमती सीतारमण ने अनुसूचित जनजातियों के कल्याण तथा विकास के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान 53,700 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव दिया।

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वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने वर्ष 2020-21 के लिए बजट में 9500 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव दिया।

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सिर पर मैला ढोने की प्रथा के बारे में वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार कृत संकल्प है कि सीवर प्रणाली या सेफ्टिक टैंक की सफाई का काम हाथ से नहीं किया जाएगा। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने ऐसे कार्यों के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकियों की पहचान की है। यह मंत्रालय इन प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए शहरी स्थानीय निकायों के साथ कार्य कर रहा है।’ उन्होंने इसे विधायी एवं संस्थागत परिवर्तनों के माध्यम से तार्किक निर्णय पर ले जाने का प्रस्ताव दिया।

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बजट को देखकर प्रतीत हो रहा है कि सरकार आने वाले साल में सामाजिक कल्याण पर खूब रुपये खर्च करने जा रही है। बजट के मुताबिक सरकार इस बार करीब 85 हजार करोड़ रुपये अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए खर्च करने जा रही है। इसमें अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए 53,700 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसे देखकर कहा जा सकता है कि सरकार समाज कल्याण योजनाओं पर बड़ी राशि खर्च करेगी। बजट में वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगों के कल्याण के लिए भी 9500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

राम केवी

राम केवी

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