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एटा DM पर भड़के पवन ठाकुर, बोले- इन्हें किसानों के पसीने से बदबू आती है
जनपद मुख्यालय स्थित जिला कलैक्ट्रेट कार्यालय पर जिलाधिकारी चहल को जब भारतीय किसान यूनियन किसान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन ठाकुर के दल बल के साथ आने की सूचना पर जिलाधिकारी कार्यालय में हडकंप मच गया और जिलाधिकारी कार्यालय के तीनों गेटो को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया।
एटा: जनपद मुख्यालय स्थित जिला कलैक्ट्रेट कार्यालय पर जिलाधिकारी चहल को जब भारतीय किसान यूनियन किसान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन ठाकुर के दल बल के साथ आने की सूचना पर जिलाधिकारी कार्यालय में हडकंप मच गया और जिलाधिकारी कार्यालय के तीनों गेटो को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया। और जिलाधिकारी किसानों से बिना मिले अपने कार्यालय से अपने आवास पर चली गयी। जिसे लेकर किसान नेता व किसानों में जिलाधिकारी के विरुद्ध भारी आक्रोश व्याप्त हो गया और उन्होंने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन ठाकुर ने कही ये बात
किसान नेता भारतीय किसान यूनियन किसान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन ठाकुर ने कहा कि जिलाधिकारी डॉ विभा चहल किसान परिवार से नही है उन्हे किसानों के पसीने से वदबू आती है जिस कारण वह हमारे आने की सूचना पर चली गयी। जिलाधिकारी किसानों का सम्मान करना नहीं जानती तो हम भी उनसे कभी नहीं मिलेंगे।
6 दिन से दो किसान भूख हड़ताल पर
पवन ठाकुर ने बताया कि हमारा (किसानों) का पिछले 15 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना लोकल बिजली विभाग व सड़क आदि निर्माण आदि की मांगों को लेकर 6 दिन से दो किसान भूख हड़ताल पर बेठे है। अगर जिले मे कोई समस्याओं को लेकर भूखा बैठा है तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की बनती है आज तक कोई भी अधिकारी किसानों की सुध लेने नही पहुंचा। जब किसान समस्याओं को लेकर लडता ही रहेगा तो जनता का पेट कैसे भरेगा। जब किसान लडता ही रहेगा तो अधिकारी तनुखा किस बात की ले रहे हैं। अगर किसानों की शीघ्र समस्याओं को नहीं सुना गया तो हमने अभी तक कोई जाम व उग्र आंदोलन नहीं किया है।
शहमती नहीं मिली तो आंदोलन उग्र होगा
हमने अपनी समस्याओं का ज्ञापन अपर जिला अधिकारी विवेक मिश्रा को सोंप दिया गया है । उन्होंने हमारी प्रत्येक समस्या का कल शाम तक समाधान व राज्य स्तरीय समस्या को शासन को भेजने और सभी समस्याओं पर प्रशासन द्वारा की जाने वाली कार्यवाही को लिखित में देने की बात कही है अगर कल शाम को हमारी शहमती बनती है तो हम मानेंगे नहीं तो हमारा आंदोलन उग्र होगा। यह जो भाषा जानने है हम उस भाषा में ही बात करेंगे। जरूरत पडी तो पूरे प्रदेश में आंदोलन होगा। उन्होंने जिलाधिकारी के इस रवैये पर भी दुख व्यक्त करते हुए कहा कि
कल मंगलवार को तहसील में स्वयं जिलाधिकारी जलेसर अवागढ होकर ही तहसील दिवस मे गयी थी। लेकिन उनके द्रारा किसानों को नजरअंदाज किया जाना जो उनकी मानसिकता को दर्शाता है।
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रिपोर्ट - सुनील मिश्रा
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