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एटा पुलिस के झूठ की कोर्ट में खूली पोल, पॉक्सो एक्ट के आरोपी की मिली जमानत

आरोपी की पिछले वर्ष 27 दिसंबर 2020 को थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की गई, जबकि उक्त व्यक्ति का मेडिकल 26 दिसंबर को ही करा दिया गया। संबंधित न्यायालय में आरोपी की जमानत के दौरान गिरफ्तारी की जीडी से पुलिस के नकली सच की पोल खुल गई।

Ashiki
Published on: 1 Feb 2021 7:24 PM IST
एटा पुलिस के झूठ की कोर्ट में खूली पोल, पॉक्सो एक्ट के आरोपी की मिली जमानत
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एटा: थाना सकरौली पुलिस ने फर्जी कार्यवाही कर पॉक्सो एक्ट के अपराध में एक मुजरिम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस पूरे मामले में मजे की बात तो यह है कि गिरफ्तारी से पहले ही आरोपी का जिला चिकित्सालय में मेडिकल हो गया था।

पुलिस के नकली सच की खुली पोल

घटना क्रम के अनुसार, आरोपी की पिछले वर्ष 27 दिसंबर 2020 को थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की गई, जबकि उक्त व्यक्ति का मेडिकल 26 दिसंबर को ही करा दिया गया। संबंधित न्यायालय में आरोपी की जमानत के दौरान गिरफ्तारी की जीडी से पुलिस के नकली सच की पोल खुल गई।

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आरोपी को मिली जमानत

कोर्ट में गिरफ्तारी की जीडी पहुंचने पर पुलिस के कारनामें की पोल खुली, जिसमें जीडी से एंटीटाइम का खुलासा हुआ। पुलिस की लापरवाही से आरोपी को कोर्ट में लाभ मिला और अदालत ने पोक्सो एक्ट ने आरोपी को पुलिस कार्रवाई के आधार पर फर्जी मानते हुए जमानत दे दी।

क्या कहा पुलिस ने ?

उक्त सम्बन्ध में अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने बताया कि उक्त मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच कराई जाएगी। थानाध्यक्ष सकरौली सत्येंद्र वीर सिंह ने बताया कि उक्त प्रकरण में पुलिस ने सही कार्यवाही की है। दिनांक 26 दिसम्बर को एक युवक घायल अवस्था में अपनी पत्नी को साथ लेकर आया था महिला के काफी चोट लगी थी।

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पुलिस ने उनको मजरूमी चिठ्ठी देकर जिला चिकित्सालय उपचार व डाक्टरी के लिए भेज दिया वह देर रात थाने वापस आये और सुबह तहरीर देने की बात कहकर वापस घर चले गये। प्रातः गांव में दो पक्षों में झगडा और मारपीट हुई। दोनों पक्षों ने कानून हाथ में लिया तो दोनों को 151 में बन्द किया गया तभी एक पक्ष ने पास्को एक्ट की तहरीर तथा दूसरे पक्ष ने मारपीट की तहरीर दी। पुलिस ने 27 दिसम्बर को धारा 354,504, पॉक्सो एक्ट में मुकद्दमा दर्ज कर दूसरे नामजद पक्ष को जेल भेजा गया घटनाएँ दो अलग-अलग थी एक पक्ष का एक दिन पूर्व का मुकदमा था इसलिए डाक्टरी एक दिन पूर्व ही हुई थी जबकि दूसरे पक्ष की घटना दूसरे दिन की थी।

रिपोर्ट: सुनील मिश्रा



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